Vat Savitri Vrat 2024 Mehndi Designs: वट सावित्री व्रत पर अपने हाथों में रचाएं खूबसूरत मेहंदी, देखें आसान और सुंदर डिजाइन्स

ऐसा माना जाता है कि मेहंदी का गहरा रंग आशीर्वाद, सौभाग्य और बुरी आत्माओं से सुरक्षा प्रदान करता है. वट सावित्री के दौरान महिलाएं एक-दूसरे के हाथों पर मेहंदी लगाने के लिए एकत्रित होती हैं. इस खास अवसर पर आप अपने हाथों की सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए इन खूबसूरत और आसान रंगोली के डिजाइन्स को ट्राई कर सकते हैं.

वट सावित्री 2024 मेहंदी डिजाइन्स (Photo Credits: Unsplash.com)

Vat Savitri Vrat 2024 Mehndi Designs: विवाहित महिलाओं (Married Women) ने आज (06 जून 2024) अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना से वट सावित्री का व्रत (Vat Savitri Vrat) रखा है. विवाहित महिलाओं द्वारा पति के लिए रखे जाने वाले व्रतों की तरह वट सावित्री व्रत का भी विशेष महत्व बताया जाता है, जो अपने पति सत्यवान (Satyavan) के प्रति सावित्री (Savitri) के पतिव्रत धर्म को समर्पित है. इस पर्व को महाराष्ट्र (Maharshtra), गुजरात (Gujarat), राजस्थान (Rajasthan) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) जैसे राज्यों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस पर्व को हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या (Jyestha Amavasya) तिथि को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत रखकर सोलह श्रृंगार करके वट वृक्ष की पूजा करती हैं. इसके साथ ही इस दिन महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी रचाती हैं.

मेहंदी किसी भी पर्व की शुभता बढ़ाता है, इसलिए अधिकांश महिलाएं पर्व की शुभता बढ़ाने के लिए अपने हाथों में मेहंदी रचाती हैं. ऐसा माना जाता है कि मेहंदी का गहरा रंग आशीर्वाद, सौभाग्य और बुरी आत्माओं से सुरक्षा प्रदान करता है. वट सावित्री के दौरान महिलाएं एक-दूसरे के हाथों पर मेहंदी लगाने के लिए एकत्रित होती हैं. इस खास अवसर पर आप अपने हाथों की सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए इन खूबसूरत और आसान रंगोली के डिजाइन्स को ट्राई कर सकते हैं.

वट सावित्री मेहंदी डिजाइन्स

बैक हैंड मेहंदी डिजाइन

फुल हैंड मेहंदी डिजाइन

वट सावित्री आसान मेहंदी

गौरतलब है कि वट सावित्री के दिन विवाहित महिलाएं सुबह जल्दी उठती हैं, स्नान करती हैं और सूर्योदय से सूर्यास्त तक व्रत रखती हैं, फिर अपने पतियों की भलाई, समृद्धि और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं. महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं और उसकी परिक्रमा करते हुए कच्चा सूत लपेटती हैं. इस व्रत को करके महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं. यह पर्व हिंदू परंपरा में विवाह की पवित्रता, वफादारी और त्याग के गुणों व प्रेम की स्थायी शक्ति का जश्न मनाता है.

Share Now

\