Vat Purnima 2024 Wishes: वट पूर्णिमा के इन प्यार भरे हिंदी Quotes, WhatsApp Messages, GIF Greetings को भेजकर दें शुभकामनाएं
वट सावित्री की तरह ही वट पूर्णिमा के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से व्रत रखकर वट वृक्ष की विधि-विधान से पूजा करती हैं. इसके साथ ही शुभकामना संदेशों के जरिए इसकी बधाई देती हैं. ऐसे में इस खास अवसर पर आप भी इन प्यार भरे विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर वट पूर्णिमा की शुभकामनाएं दे सकती हैं.
Vat Purnima 2024 Wishes in Hindi: अखंड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री का व्रत (Vat Savitri Vrat) करने के बाद अब विवाहित महिलाएं वट पूर्णिमा व्रत (Vat Purnima) की तैयारियों में जुट गई हैं. अखंड सौभाग्य की कामना से साल में किए जाने वाले तमाम व्रतों में वट सावित्री और वट पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, देश के कुछ हिस्सों में ज्येष्ठ मास की अमावस्या को तो कुछ जगहों पर ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि (Jyestha Purnima) को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है. उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों में ज्येष्ठ अमावस्या को महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए जो व्रत रखती हैं, उसे वट सावित्री व्रत (Vat Savitri) के नाम से जाना जाता है. जबकि महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत में ज्येष्ठ पूर्णिमा को महिलाएं यह व्रत करती हैं, जिसे वट पूर्णिमा (Vat Purnima) के नाम से जाना जाता है. इस साल वट पूर्णिमा 21 जून को मनाई जा रही है.
वट सावित्री की तरह ही वट पूर्णिमा के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से व्रत रखकर वट वृक्ष की विधि-विधान से पूजा करती हैं. इसके साथ ही शुभकामना संदेशों के जरिए इसकी बधाई देती हैं. ऐसे में इस खास अवसर पर आप भी इन प्यार भरे विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर वट पूर्णिमा की शुभकामनाएं दे सकती हैं.
गौरतलब है कि वट पूर्णिमा के दिन भी वट वृक्ष की पूजा करके सत्यवान और सावित्री की कथा सुनी जाती है. इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ यानी वट वृक्ष के नीचे सत्यवान और सावित्री की प्रतिमा रखकर विधिवत पूजन करती हैं. वट वृक्ष को जल अर्पित करने के बाद कच्चे सूत को वृक्ष से लपेटते हुए सात परिक्रमा करती हैं. मान्यता है कि सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण बचाए थे, इसलिए अखंड सौभाग्य के इस पर्व पर उनकी कथा सुनी जाती है.