Utpanna Ekadashi 2025 Wishes: उत्पन्ना एकादशी की इन हिंदी WhatsApp Messages, Quotes, Facebook Greetings के जरिए दें शुभकामनाएं
उत्पन्ना एकादशी 2025 (Photo credits: File Image)

Utpanna Ekadashi 2025 Wishes in Hindi: हिंदू धर्म में एकादशी का काफी महत्व बताया जाता है और यह तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) को अत्यंत प्रिय है. हर महीने 2 एकादशी तिथियां पड़ती हैं और हर एकादशी का अपना एक अलग महत्व होता है. देवउठनी एकादशी के बाद मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi) का व्रत किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ ही इस दिन श्रीहरि के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है. इस साल उत्पन्ना एकादशी का व्रत 15 नवंबर 2025 को किया जा रहा है.

मार्गशीर्ष मास में आने वाली उत्पन्ना एकादशी विशेष रूप से कल्याणकारी मानी गई है. यह व्रत न केवल सांसारिक कष्टों से मुक्ति दिलाता है बल्कि मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी लाभकारी माना जाता है. इस अवसर पर आप इन शानदार हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए दोस्तों-रिश्तेदारों को उत्पन्ना एकादशी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- ॐ श्री विष्णवे नम:
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
उत्पन्ना एकादशी की शुभकामनाएं

उत्पन्ना एकादशी 2025 (Photo credits: File Image)

2- ॐ श्री लक्ष्मी नारायण नम:
भगवान विष्णु आपको सुख, शांति, समृद्धि,
यश और कीर्ति प्रदान करें.
उत्पन्ना एकादशी की शुभकामनाएं

उत्पन्ना एकादशी 2025 (Photo credits: File Image)

3- भगवान विष्णु जिनका नाम है,
जगत के उस पालनहार को,
ऊत्पन्ना एकादशी के अवसर पर,
शत-शत नमन…
उत्पन्ना एकादशी की शुभकामनाएं

उत्पन्ना एकादशी 2025 (Photo credits: File Image)

4- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:
ऊत्पन्ना एकादशी के पावन अवसर पर,
भगवान विष्णु आपके सभी पापों का नाश करें.
उत्पन्ना एकादशी की शुभकामनाएं

उत्पन्ना एकादशी 2025 (Photo credits: File Image)

5- शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्।।
लक्ष्मीकान्तंकमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्।
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।
उत्पन्ना एकादशी की शुभकामनाएं

उत्पन्ना एकादशी 2025 (Photo credits: File Image)

एकादशी व्रत के नियमों का पालन दशमी तिथि से ही शुरु हो जाता है, जबकि इस व्रत का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है. इस दिन भक्त व्रत रखकर विधि-विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए, फिर स्नानादि से निवृत्त होकर विधि विधान से पूजन करना चाहिए. पूजन में पीले फूल, पीली मिठाइयों के साथ-साथ तुलसी दल अवश्य अर्पित करना चाहिए. इसके साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम और श्रीहरि के मंत्रों का जप करके आखिर में आरती करनी चाहिए, फिर अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को व्रत का पारण करना चाहिए.