Utpanna Ekadashi 2019 Messages: मार्गशीर्ष माह की कृष्णपक्ष एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है. इस साल उत्पन्ना एकादशी 22 नवंबर को मनाई जा रही है. इस दिन का महत्व बहुत ज्यादा है क्योंकि इस दिन एकादशी माता की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए इस दिन को उत्पन्ना एकादशी या उत्पत्ति एकादशी कहा जाता है. पद्म पुराण के अनुसार श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को इस एकादशी की उत्पत्ति और महत्व के बारे में बताया था. व्रतों में एकादशी को सबसे प्रधान और सब सिद्धियां देने वाला माना गया है. जो लोग एकादशी व्रत की शुरुआत करना चाहते हैं, उनके लिए उत्पन्ना एकादशी श्रेष्ठ है. एकादशी का व्रत करने से वर्तमान और पिछले जन्म के सभी पाप धूल जाते हैं.
उत्पन्ना एकादशी का व्रत एकादशी से शुरू होकर द्वादशी ’के सूर्योदय तक होता है. कुछ लोग सूर्यास्त से पहले केवल एक 'सात्विक' भोजन करके भी 10 वें दिन से व्रत शुरू करते हैं. उत्पन्ना एकादशी पर पर चावल, सभी प्रकार की दालें और अनाज आदि वर्जित हैं. इस दिन भक्त सूर्योदय से पहले उठ जाते हैं और 'ब्रह्म मुहूर्त'में भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है. सुबह की रस्में पूरी करने के बाद, भक्त माता एकादशी और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. भगवान को प्रसन्न करने के लिए विशेष भोग और प्रसाद चढ़ाया जाता है. उत्पन्ना एकादशी पर वैदिक मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है. इस शुभ अवसर पर अपने करीबियों को उत्पन्ना एकादशी के मैसेजेस भेजकर उनकी सुख समृद्धि की कामना की जाती है. आप भी नीचे दिए गए मैसेजेस WhatsApp Stickers, SMS, Facebook Greeting के जरिए भेजकर अपने करीबियों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
आपको और आपके परिवार को
उत्पन्ना एकादशी की शुभकामनाएं!
हमारी ओर से आपको
उत्पन्ना एकादशी की बधाई!
हैप्पी उत्पन्ना एकादशी!
इस उत्पन्ना एकादशी पर
आपके घर में सुख और समृद्धि आए
शुभ उत्पन्ना एकादशी!
उत्पन्ना एकादशी की महानता का वर्णन भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर किया था. हिंदू धर्मग्रंथों भाविश्योत्रा पुराण के अनुसार उत्पन्ना एकादशी का महत्व ‘संक्रांति’ जैसे शुभ दिनों पर दान करने या हिंदू तीर्थों में पवित्र स्नान करने के समान है. माना जाता है कि उत्पन्ना एकादशी का पालन करने वाला अपने पापों से मुक्त हो जाता है और अंत में मोक्ष प्राप्त करता है. मृत्यु के बाद वो सीधे विष्णु के निवास स्थान वैकुंठधाम जाता है. ऐसा माना जाता है कि उत्पन्ना एकादशी की महिमा 1000 गायों के दान से भी अधिक है.