Tripur Sundari Jayanti 2022 HD Images: हैप्पी त्रिपुर सुंदरी जयंती! शेयर करें ये Wallpapers, GIF Greetings, WhatsApp Stickers और Photo SMS
दस महाविद्याओं में से एक मां त्रिपुर सुंदरी को मां पर्वती का तांत्रिक स्वरूप माना जाता है, जिनकी चार भुजाएं और तीन नेत्र हैं. समस्त सुखों और तंत्र-मंत्रों की सिद्धि की कामना करने वाले मां त्रिपुर सुंदरी की उपासना करते हैं. त्रिपुर सुंदरी जयंती पर आप इन एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स और फोटो एसएमएस को अपनों संग शेयर कर सकते हैं.
Tripur Sundari Jayanti 2022 HD Images: मां त्रिपुर सुंदरी (Maa Tripur Sundari) को 10 महाविद्याओं में से एक माना जाता है. उन्हें महात्रिपुर सुंदरी, लीलामती, ललिताम्बिका, लीलेशी, षोडशी, ललिता, लीलावती, लीलेश्वरी, ललितागौरी और राजराजेश्वरी जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को त्रिपुर सुंदरी जयंती (Tripur Sundari Jayanti) मनाई जाती है. इस साल 7 दिसंबर 2022 को यह जयंती मनाई जा रही है. त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ (Tripur Sundari Shaktipeeth) भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है. कहा जाता है कि त्रिपुरा में स्थित त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ में माता के धारण किए हुए वस्त्र गिरे थे. माता का यह स्वरूप षोडश कलाओं से पूर्ण हैं, इसलिए उन्हें षोडशी भी कहा जाता है.
दस महाविद्याओं में से एक मां त्रिपुर सुंदरी को मां पर्वती का तांत्रिक स्वरूप माना जाता है, जिनकी चार भुजाएं और तीन नेत्र हैं. समस्त सुखों और तंत्र-मंत्रों की सिद्धि की कामना करने वाले मां त्रिपुर सुंदरी की उपासना करते हैं. त्रिपुर सुंदरी जयंती पर आप इन एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स और फोटो एसएमएस को अपनों संग शेयर कर सकते हैं.
1- त्रिपुर सुंदरी जयंती की शुभकामनाएं
2- त्रिपुर सुंदरी जयंती का हार्दिक बधाई
3- हैप्पी त्रिपुर सुंदरी जयंती
4- त्रिपुर सुंदरी जयंती 2022
5- शुभ त्रिपुर सुंदरी जयंती
प्रचलित पौराणिक मान्यता के अनुसार, कहा जाता है कि जब माता पार्वती ने भगवान शिव से मोक्ष, गर्भवास और मृत्यु के असहनीय दर्द से मनुष्यों की मुक्ति का उपाय पूछा, तब भगवान शिव ने 10 महाविद्याओं में त्रिपुर सुंदरी को प्रकट किया. ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर मां त्रिपुर सुंदरी की पूजा करने से व्यक्ति को भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.