Margashirsha Guruvar 2022: मार्गशीर्ष माह का गुरुवार होता है बेहद खास! जानें क्या है पूजा विधि एवं इन उपायों को करने से मिलती है, माँ लक्ष्मी एवं श्रीहरि की विशेष कृपा?

मान्यता है कि गुरुवार के दिन अगर कुछ उपाय कर लिए जाएं तो जीवन में कभी भी आर्थिक संकटों का सामना नहीं करना पड़ेगा. यहां कुछ ऐसे ही उपाय बताये जा रहे हैं.

हिंदू संवत मार्गशीर्ष (अगहन) मास की शुरुआत हो चुकी है. सनातन धर्म में इस माह का विशेष महत्व वर्णित है. लेकिन इससे भी ज्यादा महत्व इस माह के गुरुवार दिन का है, क्योंकि भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अगहन मास को स्वयं का स्वरूप बताया है. चूंकि भगवान श्रीकृष्ण विष्णु जी के ही अवतार हैं, और विष्णुजी की पूजा देवी लक्ष्मी के बिना अधूरी मानी जाती है, इस आधार पर इस माह के गुरुवार के दिन भगवान श्रीहरि की पूजा का विशेष महत्व होता है.

मान्यता है कि गुरुवार के दिन अगर कुछ उपाय कर लिए जाएं तो जीवन में कभी भी आर्थिक संकटों का सामना नहीं करना पड़ेगा. यहां कुछ ऐसे ही उपाय बताये जा रहे हैं. मान्यता है कि विष्णु जी का प्रिय मास होने के कारण श्रीहरि के साथ देवी लक्ष्मी भी इस दिन पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं. कहते हैं कि जिसके घर पर साफ-सफाई रहती है, देवी लक्ष्मी एवं श्रीहरि उसी घर में प्रवेश करते हैं. Swarnamukhi Nadiharati Utsav: श्रीकालहस्ती में उत्सव के रूप में किया गया स्वर्णामुखी नदी आरती का भव्य आयोजन, देखें मनमोहक तस्वीरें

ऐसे करें मां लक्ष्मी और श्रीहरि का करें स्वागत

परंपरानुसार इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई, द्वार पर रंगोली, तोरण, रंग-रोगन और साज-सज्जा आदि करते हैं. ऐसा करने से लक्ष्मी देवी प्रसन्न होती हैं. इसके साथ ही मार्गशीर्ष माह के गुरुवार को देवी लक्ष्मी के चरण-चिह्नों का चित्र घर के मुख्यद्वार पर लगाना शुभ माना जाता है. पद चिन्हों का चित्र भी घर के मुख्य द्वार लगाना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से धन की देवी लक्ष्मी की कृपा आपके घर में माँ लक्ष्मी के घर में वास करती हैं.

पूजा विधिः

गुरुवार के दिन प्रातःकाल स्नानादि करके पूजा स्थल के पास एक चौकी रखें, इस पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर इस पर श्रीहरि और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें. चौकी को आम या आंवला की बालियों से सजाएं तथा इसके बगल में कलश स्थापित करें. अब भगवान श्रीहरि एवं लक्ष्मी जी की पूजा प्रारंभ करें.

धूप-दीप प्रज्वलित कर निम्न मंत्र का जाप करें.

‘ॐ नमो: भगवते वासुदेवाय’

अब श्रीहरि एवं माँ लक्ष्मी को पुष्प, रोली, तुलसी, सुगंध अर्पित करें. प्रसाद में लक्ष्मी जी को गाय के दूध की खीर तथा श्रीहरि को गुड़ एवं चना अर्पित करें. ऐसा करने से घर में लक्ष्मीजी की विशेष कृपा बरसती है. इसके साथ ही अगर कुछ उपायों को अमल में लाया जाये तो हर तरह के संकटों से मुक्ति मिलता है और भगवान श्रीहरि की कृपा से जीवन के अंत में मोक्ष का प्राप्ति होती है.

करें ये उपाय

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