Subhas Chandra Bose Punyatithi Images & HD Wallpapers: सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे. उन्हें 1942 में भारतीय सैनिकों के एक समूह द्वारा 'नेताजी' का सम्मान दिया गया था. यह माना जाता है कि 18 अगस्त, 1945 को नेताजी बोस की एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. आजादी के नायक रहे नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की आज 75वीं पुण्यतिथि है. नेताजी के विचार, उनका जीवन और स्वतंत्रता के लिए उनके प्रयास आज भी हर भारतीय को प्रेरित करते हैं.
देश के युवाओं में जोश और देशभक्ति का अलख जगाने के लिए सुभाष चंद्र बोस ने 'तुम मुझे खून दो-मैं तुम्हे आजादी दूंगा', 'जय हिंद- जय भारत' और 'दिल्ली चलो' जैसे कई नारे दिए. उनकी तरह उनके विचार भी महान थे, यही वजह है कि आज भी उनके क्रांतिकारी विचार (Motivational Quotes of Netaji) युवाओं का जोश और उत्साह बढ़ाते हैं. यह भी पढ़ें: सुभाषचंद्र बोस की संदिग्ध मृत्यु के 75 वर्ष, जांच आयोगों की रिपोर्ट में विभिन्नता क्यों? नेताजी का परिवार क्यों चाहता है उनकी अस्थियों का हो DNA टेस्ट?
सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि के अवसर पर हम लेकर आए हैं उनके कुछ महान विचार जिन्हें आप फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और ट्विटर के जरिए प्रियजनों को भेज सकते हैं.
1- संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, इसी से मेरे भीतर आत्मविश्वास पैदा हुआ, जो पहले मुझमे नहीं था.
2- हमारा कार्य केवल कर्म करना हैं, कर्म ही हमारा कर्तव्य है, फल देने वाला स्वामी ऊपर वाला है.
3- एक व्यक्ति एक विचार के लिए मर सकता है, लेकिन वह विचार उसकी मृत्यु के बाद, एक हजार जीवन में खुद को अवतार लेगा.
4- अगर संघर्ष न रहे, किसी भी भय का सामना न करना पड़े, तब जीवन का आधा स्वाद ही समाप्त हो जाता है.
5- अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना सबसे बड़ा अपराध है.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ था. ये नेताजी की देश सेवा की भावना और देश के प्रति उनका प्रेम ही था, जिसने उन्हें अंग्रेजों की नौकरी ठुकराने पर मजबूर कर दिया. भारतीय सिविल सेवा में चयन होने के बावजूद उन्होंने 1921 में इस्तीफा दे दिया और कैंब्रिज से भारत लौट आए.
सुभाष चंद्र बोस पुण्यतिथि इमेजेस और एचडी वॉलपेपर
नेताजी ने 1919 में 'भारत छोड़ो आंदोलन' में हिस्सा लिया था. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने 'आजाद हिंद फौज' का गठन कर, अंग्रेजों के खिलाफ जंग का ऐलान किया. सुभाष चंद्र बोस को अंग्रेजों की हुकूमत के भीतर रहकर काम करना किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं था. अंग्रेजों के खिलाफ देश की लड़ाई में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. माना जाता है कि 18 अगस्त 1946 को एक विमान दुर्घटना में उनकी मौत हो गई, लेकिन उनकी मौत आज भी एक रहस्य बनी हुई है.
नेताजी के दिल में बसी देशभक्ति की भावना, आजादी के लिए किया गया उनका संघर्ष और अपने लक्ष्य को हासिल करने से पहले न रुकने के उनके अटल इरादों ने उन्हें एक श्रेष्ठ नायक बनाया था. आज भी नेताजी को बड़े सम्मान और गर्व के साथ याद किया जाता है.