Shrawan Maas 2023: आज से शुरू होगा 59 दिवसीय श्रावण मास! ना करें ये गलतियां संकट में फंस सकते हैं

भगवान शिव को समर्पित सावन (Sawan) का महीना आज 4 जुलाई 2023, मंगलवार से शुरू हो रहा है. इसका समापन 31 अगस्त 2023, गुरुवार को हो रहा है. अधिकमास के कारण इस बार 59 दिनों का सावन का महीना होगा. सावन माह में, भगवान शिव भगवान विष्णु की जिम्मेदारियां निभाते हैं, क्योंकि इस दरमियान विष्णु जी योग निद्रा में रहते हैं...

Lord Shiva | Photo: Pixabay

भगवान शिव को समर्पित सावन (Sawan) का महीना आज 4 जुलाई 2023, मंगलवार से शुरू हो रहा है. इसका समापन 31 अगस्त 2023, गुरुवार को हो रहा है. अधिकमास के कारण इस बार 59 दिनों का सावन का महीना होगा. सावन माह में, भगवान शिव भगवान विष्णु की जिम्मेदारियां निभाते हैं, क्योंकि इस दरमियान विष्णु जी योग निद्रा में रहते हैं. चूँकि भगवान शिव एक योगी हैं, इसलिए उनके सिद्धांतों और विचारों को भी अपनाना आवश्यक होता है. ऐसे में पूरे सावन माह में भूल कर भी ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे भगवान शिव रुष्ट हों. आप छोटी-मोटी गलतियां करके बड़े संकट को आमंत्रित करते हैं. हमारे ज्योतिष शास्त्री आचार्य भागवत यहां बता रहे हैं कि इस सावन माह में किन-किन बातों से परहेज रखना चाहिए.

* सावन मास के सोमवार के दिन शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाते समय ध्यान रहे कि बिल्व पत्र तीन पत्तों वाला हो, इसमें कोई भी पत्ता खंडित नहीं होना चाहिए. वरना आपकी पूजा का कोई महत्व नहीं रहेगा.

* पूरे सावन के महीने में तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए. मसलन इन 59 दिनों तक लहसुन प्याज अलावा मांस या मछली आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके पीछे भी वैज्ञानिक तर्क है कि मानसून के दौरान मटन, चिकन अथवा मछली जैसे मांसाहारी खाद्य पदार्थ पानी से होने वाली बीमारियों के संपर्क में रहती है, जो आपके पेट में तमाम तरह की समस्याएं पैदा कर सकती हैं.

* सावन माह में बैंगन के सेवन से भी परहेज रखना चाहिए, इसकी मुख्य वजह यह है कि सावन मास में अत्यधिक बारिश के कारण बैंगन में कीड़े पनपते हैं.

* चूंकि शिवलिंग पुरुष तत्व से संबंधित है, इसलिए सावन मास में शिव जी की पूजा के दरमियान उस पर हल्दी, कुमकुम अथवा सिंदूर चढ़ाने से परहेज करें. भगवान शिव की पूजा में ये गलतियां आपके जीवन में संकट पैदा कर सकती हैं.

* शिवलिंग पर केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए. आप चाहें तो बिल्व पत्र, धतूरा एवं फलों आदि के साथ रुद्राक्ष जरूर अर्पित कर सकते हैं.

* काला रंग नकारात्मकता का परिचायक होता है. इसलिए शिवजी की पूजा करते समय काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करें. विशेषकर सावन के सोमवार के दिन शिवजी का व्रत रखने वालों को काले कपड़ों का किंचित इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. आपकी इस गलती से भगवान शिव रुष्ठ हो सकते हैं.

* शिवजी को समर्पित सावन माह में किसी वृद्ध व्यक्ति, भिक्षुक, पशु, पक्षी आदि का अपमान नहीं करना चाहिए. उनके प्रति किसी भी तरह की बुरी भावना लाने से बचें.

* अगर आपको बिल्व पत्र नहीं मिल रहे हैं तो शिवलिंग पर चढ़े बिल्वपत्र को धोकर दोबारा चढ़ा सकते हैं.

* हिंदू मान्यता के अनुसार, श्रावण मास में अधिक मात्रा में भोजन करने से पेट संबंधी विकार और संबंधित समस्याएं हो सकती हैं. मानसून के मौसम में, 'जठराग्नि' या पाचन की शक्ति अपेक्षाकृत कमजोर होती है, इसलिए शरीर के लिए भोजन को पचाना और संसाधित करना मुश्किल होता है।

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