Shivrajyabhishek Diwas 2021 Wishes in Hindi: शिवराज्याभिषेक दिवस के अवसर पर इन WhatsApp Status, Facebook Messages के जरिए दें शुभकामनाएं
छत्रपति शिवाजी महाराज का आज 6 जून को राज्याभिषेक दिवस मनाया जाने वाला है. इस खास मौके पर लोगों को आप सोशल मीडिया के इस माध्यम के जरिये शुभकामनाएं दे सकते हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज मुगलों को सैकड़ों साल पहले 6 जून 1674 में परास्त कर लौटे थे. जिसके बाद उनका मराठा शासक के रूप में इस दिन उनका राज्याभिषेक हुआ था.
Shivrajyabhishek Diwas 2021: मराठा साम्राज्य के महान शासक छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) का आज 6 जून को शिवराज्याभिषेक दिवस (Shivrajyabhishek Diwas) के रूप में मनाया जाने वाला है. आज से सौकड़ों साल पहले 1674 में आज के दिन शिवाजी महाराज का शिवराज्याभिषेक हुआ था. जिसके बाद से ही शिवाजी महाराज के सम्मान में इस दिन को हर साल राज्याभिषेक उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. छत्रपति शिवाजी महाराज 17 वीं शताब्दी के शासक थे. जिन्होंने मुगल और अन्य कई साम्राज्यों को चुनौती देते हुए मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी.
छत्रपति शिवाजी महाराज मुगलों को सैकड़ों साल पहले 6 जून 1674 में परास्त कर लौटे थे. जिसके बाद उनका मराठा शासक के रूप में उनका राज्याभिषेक हुआ था. इस दिन मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज का करीब पांच हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित महाराष्ट्र (Maharashtra) के रायगढ़ किले (Raigad Fort) में राज्याभिषेक किया गया था. इसके बाद से वे एक प्रखर हिंदू सम्राट के रूप में स्थापित हुए. जिसके बाद से छत्रपति शिवाजी महाराज का उस साल से ही यह दिन खास तौर से मनाया जाने लगा. इस खास अवसर पर महाराष्ट्र के अलग-अगल जिलों में शिवाजी महाराज के बहादुरी को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता है. यह भी पढ़े: Shivrajyabhishek Diwas 2020: ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी को हुआ था शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक, जानें शिवराज्याभिषेक दिवस का इतिहास
शिवराज्याभिषेक दिवस पर अपनों को दें शुभकामनाएं:
शिवराज्याभिषेक दिवस पर दें शुभकामनाएं:
शिवराज्याभिषेक दिवस 2021:
शिवराज्याभिषेक दिवस की शुभकामनाएं:
महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को पुणे के पास शिवनेरी दुर्ग में हुआ था. उन्होंने बचपन में ही अपनी माता से युद्ध कौशल और राजनीति की शिक्षा ग्रहण कर ली थी. जिसकी वजह से वे बाद में जाकर अदम्य साहसी योद्धा और कुशल शासक बने.
इन्हें गुरिल्ला युद्ध तकनीक का जनक भी कह सकते हैं. क्योंकि मुगलों के खिलाफ इन्होंने इसी तकनीक का इस्तेमाल किया था. दुनिया को गुरिल्ला युद्ध से इन्होंने ही रूबरू कराया. महान देशभक्त होने के साथ साथ ये एक दयालु इंसान भी थे. यही वजह है कि शिवाजी महाराज की बहादुरी के किस्से आज भी लोग सुनकर लोगों के अंदर जोश भर जाता है.