Shivaji Maharaj Jayanti 2023 Quotes: भारत के वीर सपूतों में शुमार छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) एक महान मराठा सम्राट थे, जिनकी शौर्यगाथा और वीरता के किस्से इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है. मुगलों को परास्त करने वाले शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) का जन्म 19 फरवरी 1630 को पुणे के शिवनेरी किले में हुआ था. उनकी वीरता की मिसाल सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में दी जाती है. एक महान देशभक्त, कुशल प्रशासक और साहसी योद्धा के तौर पर लोकप्रिय छत्रपति शिवाजी महाराज की आज (10 मार्च 2023) तिथि के अनुसार जयंती (Shivaji Maharaj Jayanti) मनाई जा रही है, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार हर साल 19 फरवरी को उनकी जयंती मनाई जाती है. अपने राष्ट्र को मुगलों के चंगुल से बचाने और उसे मजबूत बनाने के लिए उन्होंने मराठा साम्राज्य की नींव रखी.
पहली बार सन 1870 में महात्मा ज्योतिराव फुले ने शिवाजी महाराज जयंती मनाने की शुरुआत की थी, जब उन्होंने पुणे से करीब 100 किलोमीटर दूर रायगढ़ में शिवाजी महाराज की कब्र पाई थी. उनके बाद शिवाजी महाराज जयंती मनाने की परंपरा को बाल गंगाधर तिलक ने आगे बढ़ाया और इसे हर साल धूमधाम से मनाया जाने लगा. शिवाजी जयंती पर आप इस मराठा शासक के इन 10 महान विचारों को अपनों संग शेयर कर सकते हैं.
1- अगर मनुष्य के पास आत्मबल है तो वो समस्त संसार पर अपने हौसले से विजय पताका लहरा सकता है.
2- प्रतिशोध मनुष्य को जलाती रहती है, संयम ही प्रतिशोध को काबू करने का उपाय होता है.
3- कोई भी कार्य करने से पहले उसका परिणाम सोच लेना चाहिए, क्योंकि हमारी आने वाली पीढ़ी उसी का अनुसरण करती है.
4- स्वतंत्रता एक वरदान है, जिसे पाने का अधिकारी हर कोई है.
5- जरुरी नहीं कि खुद की गलती से सीखा जाए, हम दूसरों की गलती से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं.
6- जब हौसले बुलंद हो तो पहाड़ भी एक मिट्टी का ढेर लगता है.
7- शत्रु चाहे कितना ही बलवान क्यों न हो, उसे अपने इरादों और उत्साह मात्र से भी परास्त किया जा सकता है.
8- एक सफल मनुष्य अपने कर्तव्य की पराकाष्ठा के लिए, समुचित मानव जाति की चुनौती स्वीकार कर लेता है.
9- जो धर्म, सत्य, श्रेष्ठता और परमेश्वर के सामने झुकता है, उसका आदर समस्त संसार करता है.
10- जो व्यक्ति स्वराज और परिवार के बीच स्वराज को चुनता है वही एक सच्चा नागरिक होता है.
गौरतलब है कि पूरे महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की जयंती को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और शिवाजी महाराज के योगदान को याद किया जाता है. उन्होंने अपने दरबार और प्रशासन में आधिकारिक भाषाओं के तौर पर मराठी और संस्कृत भाषा को बढ़ावा दिया. सन 1674 में राज्याभिषेक के बाद रायगढ़ किले में शिवाजी महाराज को छत्रपति की उपाधि मिली, जिसके बाद वो छत्रपति शिवाजी महाराज कहलाए. शिवाजी महाराज का निधन 3 अप्रैल 1680 को हुआ था.