
Shattila Ekadashi 2025 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में दो एकादशी (Ekadashi) होती है, जिसके हिसाब से साल में 24 एकादशियों का संयोग बनता है. इनमें माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तो षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. इस साल माघ मास की षटतिला एकादशी का व्रत 25 जनवरी 2025 को रखा जा रहा है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की पूजा की जाती है, इसके साथ ही मान्यता है कि इस व्रत में जो व्यक्ति जितने रूपों में तिल का उपयोग और दान करता है, उसे उतने हजार वर्ष तक स्वर्ग में स्थान मिलता है. षटतिला एकादशी में तिल का छः तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसे षटतिला एकादशी कहा जाता है. इस व्रत को करने से स्वर्ण दान के समान पुण्य फल प्राप्त होते हैं और श्रीहरि के पूजन से मोक्ष के द्वार खुलते हैं. इस दिन तिल द्वारा किए गए छह प्रयोगों से जीवन में आ रही ग्रह जनित बाधाओं को शांत किया जा सकता है.
षटतिला एकादशी के दिन तिल स्नान, तिल का उबटल, तिल का हवन, तिल का तर्पण, तिल का भोजन और तिल का दान जैसे छह तरह से इसका उपयोग किया जाता है. पूजन के दौरान श्रीहरि को तिल का भोग अर्पित किया जाता है और इस दिन तिल का दान करने से मृत्यु के बाद स्वर्गलोक में स्थान प्राप्त होता है. ऐसे में इस अवसर पर आप इन भक्तिमय हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर षटतिला एकादशी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.





षटतिला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत और पूजा का संकल्प लें, फिर दिन भर व्रत के नियमों का पालन करें. शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें, फिर उन्हें तिलक लगाएं और फूलों की माला अर्पित करें. अबीर, रोली, कुमकुम, पुष्प, मिठाई, मौसमी फल, तुलसी इत्यादि अर्पित करते हुए शुद्ध घी का दीपक प्रज्जवलित करें. पूजन के दौरान उड़द-तिल से बनी खिचड़ी का भोग लगाएं. इसमें तुलसी के पत्ते जरूर डालें. पूजा के बाद आरती करें और रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन करें. इसके बाद अगले दिन सूर्योदय के बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद स्वयं भोजन करें.