Sharad Purnima 2020: कोजागरी पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये 5 काम, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा और सुख-समृद्धि का होगा आगमन

इस साल शरद पूर्णिमा यानी कोजागरी पूर्णिमा का त्योहार 30 नवंबर को मनाया जाएगा. माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और मां लक्ष्मी इस दिन धरती पर विचरण करती हैं. इस दिन कुछ ऐसे काम बताए गए हैं, जिन्हें करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.

शरद पूर्णिमा 2020 (Photo Credits: File Image)

Sharad Purnima 2020: नवरात्रि उत्सव (Navratri) के समापन के बाद लोग अब दिवाली (Diwali) की तैयारियों में जुट गए हैं, लेकिन दिवाली से पहले एक और महत्वपूर्ण त्योहार आ रहा है, जिसे शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) और कोजागरी पूर्णिमा (Kojagiri Purnima) के नाम से जाना जाता है. आश्विन मास की पूर्णिमा को देवी लक्ष्मी (Devi Lakshmi) की पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन ही धन और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था. शरद पूर्णिमा की यह पावन तिथि ऋतु परिवर्तन के साथ-साथ स्वास्थ्य और समृद्धि बढ़ाने वाली मानी जाती है. यहां सबसे खास बात तो यह है कि साल भर की सभी पूर्णिमा तिथियों में शरद पूर्णिमा ही सबसे मनमोहक और आकर्षक लगती है. कहा जाता है कि इस रात आसमान से अमृत की वर्षा होती है, जो सेहत, सौभाग्य और समृद्धि लेकर आती है.

इस साल शरद पूर्णिमा का त्योहार 30 नवंबर को मनाया जाएगा. माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और मां लक्ष्मी इस दिन धरती पर विचरण करती हैं. इस दिन कुछ ऐसे काम बताए गए हैं, जिन्हें करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.

शरद पूर्णिमा के दिन करें ये काम

1- कोजागरी पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करें. ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.

2- अच्छे वर की कामना करने वाली कुंवारी कन्याओं को इस दिन व्रत रखना चाहिए और रात में चांद को अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत खोलना चाहिए. मनचाहा वर पाने के लिए भगवान कार्तिकेय की पूजा करनी चाहिए.

3- इस दिन खीर बनाएं और उसे चांदनी रात में ऐसे रखें कि उस पर चांद की रोशनी पड़े. ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है और उस खीर को प्रसाद रूप में ग्रहण करना स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. यह भी पढ़ें: Lakshmi Puja 2020 Date: लक्ष्मी पूजा कब है? जानें कोजागरी पूर्णिमा के दिन की जाने वाली लक्ष्मी पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

4- शरद पूर्णिमा को रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन करना शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस रात धार्मिक गतिविधियों में शामिल होते हैं उन्हें मां लक्ष्मी और देवराज इंद्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

5- पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य करना अच्छा माना जाता है. इस दिन जरूरतमंदों को भोजन और आवश्यक चीजों का दान करें. कहा जाता है कि जो मनुष्य इस दिन दान-पुण्य जैसे कर्म करता है उसके सभी पाप नष्ट होते हैं और उन्हें देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

गौरतलब है कि शरद पूर्णिमा की रात इन पांच चीजों को करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. आप सभी के लिए यह शरद पूर्णिमा खुशहाली लेकर आए.

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