Shani Jayanti 2023 Wishes in Hindi: नौ ग्रहों में शनिदेव (Shanidev) को कर्मफलदाता माना जाता है, जो संसार के प्रत्येक व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं, इसलिए हिंदू धर्म में शनिदेव की पूजा (Shani Puja) का विशेष महत्व बताया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती (Shani Jayanti) मनाई जाती है. इस साल 19 मई को शनिदेव की जयंती मनाई जा रही है. शनिदेव की पूजा के लिए वैसे तो शनिवार का दिन शुभ माना जाता है, लेकिन उनकी पूजा के लिए अमावस्या और शनि जयंती को काफी शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि शनि जयंती के दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करने से कुंडली मे मौजूद शनि दोष शांति होता है और जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
शनि जयंती के दिन देश के तमाम शनि मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है और भक्त उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. इस मौके पर शनिदेव के भक्त एक-दूसरे के साथ शुभकामना संदेश भी शेयर करते हैं. ऐसे में आप भी इन शानदार भक्तिमय हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स के जरिए अपनों को शनि जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- ऊँ शं शनैश्चराय नमः
शनि जयंती की शुभकामनाएं
2- हे दाढ़ी-मूछों वाले, लंबी जटाएं पाले,
हे दीर्घ नेत्रवाले, शुष्कोदरा निराले,
भय आकृति तुम्हारी, सब पापियों को मारे,
स्वीकारो नमन हमारे, हे शनि भक्तों के रखवाले.
शनि जयंती की शुभकामनाएं
3- ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम।।
शनि जयंती की शुभकामनाएं
4- हे शनि देव तेरी जय जयकार,
नील वर्ण की छवि तुम्हारी,
ग्रह मंडल के तुम बलिहारी,
तेरी शरण में शरणागत सारा संसार.
शनि जयंती की शुभकामनाएं
5- रुद्र मंगल महा प्रताप, तेजमयी तू सूर्य पुत्र है,
तेज है तेरा अवतार, करते हैं हम तुम्हारे गुणगान.
शनि जयंती की शुभकामनाएं
कुंडली में मौजूद शनि दोष को दूर करने के लिए शनि जयंती पर शनिदेव के मंत्रों का जप करना चाहिए. इस दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को काले जूते, काला छाता, तिल, उड़द, खिचड़ी, काले कपड़े, काला कंबल, चाय की पत्ती जैसी शनिदेव से जुड़ी वस्तुओं को दान में देना चाहिए. इस दिन आक के पौधे पर 7 लोहे की कीलें चढ़ानी चाहिए. पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का एक दीपक जालाना चाहिए. इसके अलावा इस दिन घोड़े की नाल या नाव की कील से बनी लोहे की अंगूठी मध्यमा उंगली में सूर्यास्त के समय पहनना चाहिए.