Shaheed Diwas 2023: शहीद दिवस (Shaheed Diwas), हर साल 23 मार्च को मनाया जाता है. यह एक ऐसा दिन है, जिस दिन देश के स्वतंत्रता सेनानियों को ब्रिटिश शासन से आजादी पाने के लिए दिए गए बलिदान के लिए याद किया जाता है. यह वह दिन था, जिस दिन भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ने वाले तीन स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को लाहौर जेल (वर्तमान में पाकिस्तान में) में फांसी पर लटका दिया गया था. जेपी सौंडर्स (J P Saunders) की हत्या और केंद्रीय विधान सभा पर हमला करने के मामले में उन्हें पकड़ा गया और मौत की सजा सुनाई गई. आइए इस लेख से शहीद दिवस 2023 के उत्सव, इतिहास, महत्व आदि के बारे में अधिक जानें. यह भी पढ़ें: Gudi Padwa 2023: गजकेसरी योग में करें हिंदू नववर्ष का स्वागत! जानें गुड़ी पड़वा पर सोना खरीदने का शुभ समय!
यह 30 अक्टूबर 1928 था, जब लाला लाजपत राय ने प्रसिद्ध 'साइमन, वापस जाओ' नारे के साथ सर जॉन साइमन की लाहौर यात्रा के खिलाफ अहिंसक विरोध का नेतृत्व किया. शांतिपूर्ण विरोध होने के बावजूद, पुलिस अधीक्षक जेम्स ए स्कॉट ने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को लाठी चार्ज करने का आदेश दिया. जिसमें लाला लाजपत राय को काफी चोटें आयीं और उनकी मृत्यु ओ गई. तीन युवा स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव ने अन्य लोगों के साथ मिलकर जेम्स स्कॉट को मारने का फैसला किया, लेकिन गलती से गलत पहचान के कारण एक अन्य पुलिस अधीक्षक जॉन पी सॉन्डर्स की हत्या कर दी.
उन्होंने राय की हत्या के लिए उन्हें सबक सिखाने और सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक और व्यापार विवाद अधिनियम को पारित करने से रोकने के लिए फिर से केंद्रीय विधान सभा पर हमले की योजना बनाई. 8 अप्रैल, 1929 को उन्होंने सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली पर बमबारी की, लेकिन उसी समय पकड़े गए. भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को मौत की सजा सुनाई गई थी. इन तीनों को 23 मार्च, 1931 को लाहौर जेल में फाँसी दे दी गई थी. जिस समय इन्हें फाँसी दी गई, उस समय सिंह, सुखदेव 23 वर्ष के थे जबकि राजगुरु केवल 22 वर्ष के थे.
हर साल शहीद दिवस पर सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं और उनके लिए अपना सम्मान और आभार व्यक्त करते हैं. शहीद दिवस पर Quotes, WhatsApp, Facebook Stickers के जरिए भेजकर शहीदों को श्रद्धांजलि दे सकते हैं.
1- आओ झुक कर सलाम करें उनको,
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
खुशनसीब होता है वो खून,
जो देश के काम आता है.
शहीदों को शत्-शत् नमन
2- अपनी आजादी को हम,
हरगिज भुला नहीं सकते
सर कटा सकते है लेकिन,
सर झुका सकते नहीं...
शहीदों को शत्-शत् नमन
3- इतनी सी बात हवाओं को बताए रखना,
रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना,
लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने,
ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल में बसाए रखना.
शहीदों को शत्-शत् नमन
4- जब तुम शहीद हुए थे,
ना जाने कैसे तुम्हारी मां सोई होगी,
एक बात तो तय है कि,
तुम्हें लगने वाली गोली भी सौ बार रोई होगी.
शहीदों को शत्-शत् नमन
5- हाथ जोड़कर नमन जो करते,
मत समझो कि हम कमजोर हैं,
उठाओ कथाएं देखो इतिहास,
छाए हुए हम हर ओर हैं...
शहीदों को शत्-शत् नमन
भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है. यह उन स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का दिन है, जिन्होंने अपने देश की आजादी हासिल करने के आंदोलन में बहुत कम उम्र में खुद को कुर्बान कर दिया. हालांकि इस दिन कोई आधिकारिक अवकाश नहीं होता है, लेकिन कई शैक्षणिक और राजनीतिक संस्थान उन तीन शहीदों की प्रशंसा में इस दिन को मनाते हैं.