Shab-e-Meraj 2019: 3 अप्रैल की रात को मनाया जाएगा शब ए मेराज, जानिए इसका महत्त्व
शब- ए- मेराज का मतलब है पैगंबर मोहम्मद साहब की अल्लाहताला से जन्नत में मुलाकात. हिजरी संवत की शुरुआत के 2 साल पहले रजब महीने की 27वीं तारीख को पैगंबर की आत्मा जन्नत गई थी....
शब- ए- मेराज ( Shab e Meraj 2019) की रात इस्लाम धर्म के आखिरी पैगंबर मोहम्मद साहब की अल्लाह ताला से जन्नत में मुलाकात हुई थी. रजब महीने की 27वीं तारीख को ये मुलाकात हुई थी. इस साल 3 अप्रैल 2019 को शब-ए-मेराज मनाया जाएगा. ऐसा कहा जाता है कि जन्नत के सफर के वक्त उनके साथ जन्नत के दूत जिब्राइल भी थे. एक जगह पहुंचकर उन्होंने पैगंबर साहब से कहा कि, ‘मैं यहां रुकने के लिए मजबूर हूं. मैं आगे नहीं जा सकता, लेकिन आप अपने जन्नत के सफ़र को जारी रखें.'
मेराज शब्द की उत्पत्ति अरबी शब्द यूरोज से हुई है, जिसका अर्थ है 'उंचाई' या 'उदगम'. इस दिन कुछ लोग रात भर नमाज अदा करते हैं और कुछ इस्लामिक देश रोशनी और मोमबत्तियों से शहरों को रोशन करते हैं. नमाजी मस्जिदों में नमाज़ अदा करने के लिए इकठ्ठा होते हैं और सबको बताते हैं कि किस तरह पैगंबर मुहम्मद और उनके रब की मुलाकात हुई थी.
शब-ए-मेराज की रात को ही मुसलमान समुदय को नमाज का तौफा मिला था. अल्लाह ताला और पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब की मुलाकात के दौरान पहले 50 नमाज पढने का तौफा दिया गया था मगर अंत में इसे 5 कर दिया गया. इस रात की काफी फजीलत हैं और मुस्लमान समुदाय के लोग इसका बहुत एहतेमाम करते हैं.