Shab E Meraj Mubarak 2023 HD Images: शब-ए-मेराज मुबारक! शेयर करें ये WhatsApp Wishes, Facebook Greetings, Photos और Wallpapers

कहा जाता है कि इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के रजब महीने की 27वीं रात को अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद सल्लल्लाह अलैह व सल्लम की अल्लाह से मुलाकात हुई थी, इसलिए इस रात को मुहम्मद सल्लल्लाह अलैह व सल्लम की अल्लाह से मुलाकात की पाक रात भी कहा जाता है. इस अवसर पर आप इन एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटोज और वॉलेपपर्स के जरिए शब-ए-मेराज मुबारक कह सकते हैं.

शब-ए-मेराज 2023 (Photo Credits: File Image)

Shab E Meraj Mubarak 2023 HD Images: शब-ए-मेराज (Shab E Meraj), इस्लाम धर्म में मनाए जाने वाले प्रमुख पर्वों में अपना एक अलग महत्व रखता है. आज (19 फरवरी 2023) दुनिया भर के मुसलमान शब-ए-मेराज का जश्न मना रहे हैं.  इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, रजब (Rajab) महीने की सत्ताईसवीं रात यानी 27 तारीख को शब-ए-मेराज का त्योहार मनाया जाता है. कहा जाता है कि इसी पाक रात पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) साहब ने सातों आसमानों की यात्रा करते हुए जन्नत में सशरीर अल्लाहतआला से मुलाकात की थी. इस घटना को इसलिए भी चमत्कारिक और महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसी रात पैंगबर मोहम्मद साहब ने मक्का से येरुशलम की चालीस दिन की यात्रा को कुछ ही घंटों में तय कर लिया था, उसके बाद उन्होंने सातों आसमानों की यात्रा करके अल्लाहतआला के दर्शन प्राप्त किए थे.

कहा जाता है कि इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के रजब महीने की 27वीं रात को अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद सल्लल्लाह अलैह व सल्लम की अल्लाह से मुलाकात हुई थी, इसलिए इस रात को मुहम्मद सल्लल्लाह अलैह व सल्लम की अल्लाह से मुलाकात की पाक रात भी कहा जाता है. इस अवसर पर आप इन एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटोज और वॉलेपपर्स के जरिए शब-ए-मेराज मुबारक कह सकते हैं.

1- शब-ए-मेराज 2023

शब-ए-मेराज 2023 (Photo Credits: File Image)

2- शब-ए-मेराज 2023

शब-ए-मेराज 2023 (Photo Credits: File Image)

3- शब-ए-मेराज 2023

शब-ए-मेराज 2023 (Photo Credits: File Image)

4- शब-ए-मेराज 2023

शब-ए-मेराज 2023 (Photo Credits: File Image)

5- शब-ए-मेराज 2023

शब-ए-मेराज 2023 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि दुनिया भर के मुसलमान शब-ए-मेराज यानी शबे-मेराज को बहुत धूमधाम से मनाते हैं. इस रात मस्जिदों में विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया जाता है और मोहम्मद साहब की अल्लाहतआला से मुलाकात का जश्न मनाया जाता है. आपको बता दें कि मोहम्मद साहब की इस यात्रा के दो भाग हैं. इस यात्रा के पहले हिस्से को इसरा और दूसरे हिस्से को मेराज कहा जाता है.

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