Shab-e-Barat 2024 Mubarak Wishes: शब-ए-बारात पर प्रियजनों को इन हिंदी Quotes, WhatsApp Messages, Facebook Greetings के जरिए दें मुबारकबाद
शब-ए-बारात को इस्लाम धर्म की 4 मुकद्दस रातों में से एक माना जाता है, जिसमें पहली आशूरा की रात, दूसरी शब-ए-मेराज, तीसरी शब-ए-बारात और आखिरी शब-ए-कद्र होती है. शब-ए-बारात की रात लोग अपने प्रियजनों को को बधाई देते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए अपनों को शब-ए-बारात की मुबारकबाद दे सकते हैं.
Shab-e-Barat 2024 Mubarak Wishes in Hindi: इस्लाम धर्म में शब-ए-बारात (Shab-e-Barat) का विशेष महत्व बताया जाता है, जिसे इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के आठवें महीने शाबान (Shabaan) की 14वीं और 15वीं रात के बीच मनाया जाता है. इस साल शब-ए-बारात 25 फरवरी 2024 को मनाई जा रही है, जो 25 फरवरी से शुरु होकर 26 फरवरी तक जारी रहेगी. इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, शब-ए-बारात की रात अल्लाह पूरे जहान का लेखा-जोखा तैयार करते हैं. इस रात आने वाले वर्ष के लिए लोगों की किस्मत तय की जाती है. इसके साथ ही अल्लाह लोगों के लिए काम, माफी और सजा मुकर्रर करते हैं, इसलिए इस रात लोग अपने पापों और गुनाहों के लिए अल्लाह से माफी मांगते हैं. शब-ए-बारात को बेरात कांदिली, लैलातुन बारात, मोक्ष की रात और दक्षिणपूर्व एशियाई मुस्लिम देश में निस्फु स्याबन के तौर पर भी जाना जाता है.
शब-ए-बारात को इस्लाम धर्म की 4 मुकद्दस रातों में से एक माना जाता है, जिसमें पहली आशूरा की रात, दूसरी शब-ए-मेराज, तीसरी शब-ए-बारात और आखिरी शब-ए-कद्र होती है. शब-ए-बारात की रात लोग अपने प्रियजनों को को बधाई देते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए अपनों को शब-ए-बारात की मुबारकबाद दे सकते हैं.
1- आज की रात अपने अल्लाह से मांगो ऐसी दुआ,
जिसमें माफी के बाद कोई गुनाह न हो,
मुल्क ओ दुनिया में रहे अमन,
यह वतन बन जाए रहमतों से चमन.
शब-ए-बारात मुबारक
2- रात को नया चांद मुबारक,
चांद को चांदनी मुबारक,
फलक को सितारे मुबारक,
सितारों को बुलंदी मुबारक,
आपको हमारी तरफ से,
शब-ए-बारात मुबारक
3- अगर मुझसे कोइ गलती हो गई हो,
तो मुझे माफ कर देना...
आज 'शब-ए-बारात' है,
खुदा की इबादत कर लेना...
शब-ए-बारात मुबारक
4- या अल्लाह मैं तुझसे मांगता हूं,
ऐसी माफी जिसके बाद कोई गुनाह न हो,
ऐसी सेहत जिसके बाद कोई बीमारी न हो,
ऐसी रजा जिसके बाद कोई नाराज न हो.
शब-ए-बारात मुबारक
5- आज है मौका इबादत का,
आज है मौका दुआओं का,
कर लो आज जी भर के अल्लाह को याद,
आएगा फिर यह दिन एक साल बाद.
शब-ए-बारात मुबारक
गौरतलब है कि इस्लाम धर्म में इस पाक रात का बहुत महत्व बताया जाता है. शब-ए-बारात की रात दुनिया भर के मुसलमान मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं और कब्रिस्तान में अपने प्रियजनों की कब्रों पर जाकर उनके लिए दुआ करते हैं. इस रात मुसलमान अल्लाह से अपने गुनाहों के लिए माफी मांगी मांगते हैं. इसके साथ ही इस रात लोग कुरान की तिलावत और खुदा की इबादत के साथ अपने पूर्वजों को याद करते हैं.