Ratha Saptami 2024 Greetings: हैप्पी आरोग्य सप्तमी! शेयर करें ये मनमोहक WhatsApp Stickers, HD Images, Photo SMS और Wallpapers
रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने और उनकी उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है. इसके साथ ही नि:संतान दंपत्तियों को संतान और उत्तम आरोग्य का वरदान मिलता है. रथ सप्तमी पर आप इन मनमोहक ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, एचडी इमेजेस, फोटो एसएमएस और वॉलपेपर्स को भेजकर अपने प्रियजनों को हैप्पी आरोग्य सप्तमी विश कर सकते हैं.
Ratha Saptami 2024 Greetings in Hindi: नौ ग्रहों के राजा सूर्य देव संसार के एकमात्र ऐसे देवता हैं, जो साक्षात अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. आज (16 फरवरी 2024) सूर्य देव को समर्पित रथ सप्तमी (Ratha Saptami) का त्योहार मनाया जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भगवान सूर्य सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे, इसलिए इसे रथ सप्तमी कहा जाता है. इसी दिन सूर्य देव के सातों घोड़े उनके रथ का वहन करना शुरु करते हैं, इसलिए इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. इसके अलावा सूर्योपासना के इस पर्व को माघ सप्तमी (Magh Saptami), माघ जयंती (Magh Jayanti), सूर्य जयंती (Surya Jayanti), आरोग्य सप्तमी (Aarogya Saptami) और अचला सप्तमी (Achala Saptami) जैसे कई नामों से जाना जाता है. इस पावन तिथि पर सूर्य देव की उपासना से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने और उनकी उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है. इसके साथ ही नि:संतान दंपत्तियों को संतान और उत्तम आरोग्य का वरदान मिलता है. रथ सप्तमी पर आप इन मनमोहक ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, एचडी इमेजेस, फोटो एसएमएस और वॉलपेपर्स को भेजकर अपने प्रियजनों को हैप्पी आरोग्य सप्तमी विश कर सकते हैं.
1- रथ सप्तमी की हार्दिक बधाई
2- अचला सप्तमी की शुभकामनाएं
3- आरोग्य सप्तमी 2024
4- विधान सप्तमी की बधाई
5- माघ सप्तमी की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि रथ सप्तमी यानी अचला सप्तमी के दिन व्रत रखकर उनकी पूजा करने से उत्तम आरोग्य के साथ-साथ निसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. अर्घ्य देते समय जल में लाल रोली, लाल फूल और गुड़ का उपयोग किया जाता है, फिर दीपदान करने का विधान है. सूर्योपासना के दौरान 'ओम् घृणि सूर्याय नम:' मंत्र का जप, 'आदित्य हृदय स्तोत्र' और सूर्य चालीसा का पाठ करना चाहिए. इसके साथ ही इस दिन सूर्य से संबंधित चीजें जैसे- गेहूं, गुड़, मसूर की दाल और तांबे इत्यादि का दान करना चाहिए.