Rang Panchami 2023 Wishes in Hindi: रंगों का त्योहार (Festival of Colours) होली (Holi) मनाए जाने के बाद ठीक पांचवें दिन रंग पंचमी (Rang Panchami) का पर्व मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी मनाई जाती है, जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक आज यानी 12 मार्च 2023 को यह पर्व मनाया जा रहा है. इस त्योहार को महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है. दरअसल, रंग पंचमी देवी-देवताओं का अह्वान करने के लिए होती है. ऐसी मान्यता है कि रंग पंचमी पर श्रद्धा के साथ देवी-देवताओं की पूजा से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण (Bhagwan Krishna) और राधा रानी (Radha Rani) की पूजा का विधान है.
रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को लाल या गुलाबी रंग का गुलाल अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इससे दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है. राधा-कृष्ण के अलावा इस दिन अन्य देवी-देवताओं को भी गुलाल अर्पित किया जाता है. रंग पंचमी के इस पावन अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस को भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- रंगों के त्यौहार में नाच रहा हैं मन
आस लगाये राह तक रहा हैं मन
हे ईश्वर कर ऐसी रंगो की बौछार
खुशियां ही खुशियां हो आज मेरे द्वार
रंग पंचमी की शुभकामनाएं.
2- जीवन में हैं अनेक रंग
मिलते हैं जो हर तरंग
भर दे जो प्रेम के रंग
वही हैं त्यौहरो के सच्चे रंग
रंग पंचमी की शुभकामनाएं.
3- सत रंगी रंगों की लिए बरसात
है आई रंग पंचमी की सौगात
चलो चलाए मिलकर पिचकारी
न बच पाये कोई भी नर नारी
रंग पंचमी की शुभकामनाएं.
4- कोई मारे पिचकारी, कोई लगाए गुलाल,
ये तो है रंगो का त्योहार, हरा पीला या लाल
पर संदेश देता हैं बस खुशियों का
जम कर मनाओ त्यौहार रंगो का
रंग पंचमी की शुभकामनाएं.
5- रंग भरा पैगाम भेजा हैं तुम्हे,
इसे महज गुलाल ना समझना.
ये रंग खुशियों को बयां करते हैं,
इन्हें दिल की गहराईयों से कुबूल करना.
रंग पंचमी की शुभकामनाएं.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी, इसलिए इस दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा के बाद उन्हें गुलाल अर्पित किया जाता है. इस पर्व से जुड़ी एक अन्य मान्यता के अनुसार, होलाष्टक के दिन भगवान शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया था, जिसके बाद देवी रती और देवताओं की प्रार्थना पर भगवान शिव ने कामदेव को फिर से जीवित करने का आश्वासन दिया. भगवान शिव के इस आश्वासन से सभी देवी-देवता प्रसन्न हो गए और रंगोत्सव मनाने लगे. ऐसी मान्यता है कि तब से चैत्र कृष्ण पंचमी को रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाने लगा.