Ram Navami 2024 Shlokas In Sanskrit: राम नवमी पर प्रियजनों संग शेयर करें ये शानदार संस्कृत Quotes, Photo SMS, WhatsApp Stickers और Messages
हिंदू धर्म की प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, धरती पर राक्षसों और आसुरी प्रवृत्तियों का विनाश करने के लिए ही भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में सातवां अवतार लिया था, फिर उन्होंने रावण का अंत कर अधर्म पर धर्म की जीत का परचम लहराया. इस मौके पर आप प्रियजनों संग ये शानदार संस्कृत श्लोक, कोट्स, फोटो एसएमएस, वॉट्सऐप स्टिकर्स और मैसेजेस को शेयर कर बधाई दे सकते हैं.
Ram Navami 2024 Shlokas In Sanskrit: इस साल 17 अप्रैल को देशभर में जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) के सातवें अवतार भगवान राम (Bhagwan Ram) का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी (Ram Navami) का पर्व भक्तिभाव के साथ मनाया जाता है. यहां खास बात तो यह भी है कि इसी दिन मां दुर्गा (Maa Durga) की उपासना के पावन पर्व चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का समापन भी होता है. राम नवमी का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. इस दिन भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या के अलावा देश के तमाम राम मंदिरों में उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. भगवान राम के साथ-साथ इस दिन माता सीता, लक्ष्मण और श्रीराम के परमभक्त हनुमान जी की भी पूजा की जाती है. इसके अलावा इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके दान-पुण्य जैसे शुभ कर्म किए जाते हैं.
हिंदू धर्म की प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, धरती पर राक्षसों और आसुरी प्रवृत्तियों का विनाश करने के लिए ही भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में सातवां अवतार लिया था, फिर उन्होंने रावण का अंत कर अधर्म पर धर्म की जीत का परचम लहराया. इस मौके पर आप प्रियजनों संग ये शानदार संस्कृत श्लोक, कोट्स, फोटो एसएमएस, वॉट्सऐप स्टिकर्स और मैसेजेस को शेयर कर बधाई दे सकते हैं.
1- राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सह्स्रनाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने।।
भावार्थ- शिवजी ने मां गौरा से कहा, हे पार्वती..! राम जी का नाम एक बार लेना
भगवान विष्णु के सहस्रनाम के बराबर है, इसलिए मैं सदैव राम जी के नाम का
ध्यान करता हूं.
2- रामो विग्रहवान् धर्मस्साधुस्सत्यपराक्रमः।
राजा सर्वस्य लोकस्य देवानां मघवानिव।।
भावार्थ- राम जी धर्म के विग्रह स्वरूप हैं. वे साधू एवं पराक्रमी हैं. जैसे देवगणों के
राजा इंद्र हैं, वैसे ही प्रभु श्रीराम हम सब के राजाधिराज हैं.
3- भर्जनं भवबीजानां अर्जनं सुखसंपदां।
तर्जनं यमदूतानाम राम रामेति गर्जनं।।
अर्थात- संपूर्ण ब्राह्मण के नायक रामचंद्र जी का पवित्र नाम. दुख के बीज को भी
जलाकर राख कर देता है. उनका नाम लेने से इस लोक में और उस लोक में सुखों
की प्राप्ति होती है.