Rabindranath Tagore Jayanti 2021 Quotes in Hindi: रबींद्रनाथ ठाकुर (Rabindranath Thakur) को एक बेमिसाल साहित्यकार और महान क्रांतिकारी माना जाता था. हर साल 7 मई को रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती (Rabindranath Tagore Jayanti) मनाई जाती है. उन्होंने ही भारत के राष्ट्रगान 'जन गण मन' की रचना की थी, उन्हें बांग्लादेश के राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' का रचयिता भी कहा जाता है. एक महान बांग्ला कवि, गीतकार, संगीतकार, कहानीकार, नाटककार, चित्रकार, रचनाकार और निबंध लेखक के तौर पर मशहूर रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) का जन्म 7 मई 1861 को पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में हुआ था. कबीगुरु और गुरुदेव जैसे नामों से लोकप्रिय रबींद्रनाथ ठाकुर जब महज 8 साल के थे, तब उन्होंने अपनी पहली कविता लिखी थी, जबकि 16 साल की उम्र में उनकी पहली लघुकथा प्रकाशित हुई थी.
आजादी की लड़ाई के दौरान उन्होंने अपनी लेखनी से लोगों के दिलों में क्रांति की अलख जगाई थी. उन्होंने जलियावाला बाग हत्याकांड का विरोध जताते हुए नाइट हुड की उपाधि को वापस कर दिया था. उनके महान विचार आज भी लोगों को प्रेरणा देते हैं. रवींद्रनाथ टैगोर की 160वीं जयंती पर आप उनके ये 10 महान विचार सोशल मीडिया के जरिए अपनों के साथ शेयर कर सकते हैं.
1- समय परिवर्तन का धन है, लेकिन घड़ी उसे केवल परिवर्तन के रूप में दिखाती है, धन के रूप में नहीं.
2- विश्वास वह पक्षी है जो प्रभात के अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है और गाने लगता है.
3- यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच बाहर रह जाएगा.
4- वे लोग जो अच्छाई करने में बहुत ज्यादा व्यस्त होते है, स्वयं अच्छा होने के लिए समय नहीं निकाल पाते.
5- प्रसन्न रहना बहुत सरल है, लेकिन सरल होना बहुत कठिन है.
6- वर्तमान चाहे कितना ही अंधकारमय क्यों न हो, कोशिश करेंगे तो कुछ शानदार सामने आएगा.
7- नदी के किनारे खड़े होकर सिर्फ पानी को देखने से आप नदी पार नहीं कर सकते, इसके लिए आपको उसके भीतर जाना होगा.
8- प्रेम चाहे किसी से भी हो, वो कभी अधिकार का दावा नहीं करता, क्योंकि प्रेम स्वतंत्रता देता है.
9- मैं एक आशावादी व्यक्ति हूं, अगर मैं एक दरवाजे से नहीं जा पाया तो दूसरे से जाऊंगा या फिर एक नया दरवाजा बनाऊंगा.
10- तथ्य कई हैं पर सत्य एक है, अगर आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद करेंगे तो सच बाहर ही रह जाएगा.
गौरतलब है कि रवींद्रनाथ टैगोर ने अपनी जीवन काल में कई मशहूर रचनाएं लिखी हैं, जिनमें से गीतांजलि सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुई थी. टैगोर की यह रचना लोगों को इतनी ज्यादा पसंद आई कि उसका अनुवाद अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, जापानी, रूसी जैसी कई भाषाओं में किया गया. हालांकि उनकी रचनाओं की तरह ही उनके विचार भी काफी महान थे, जिन्हें अपनाकर आप भी अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं.