Parshuram Jayanti 2020 Wishes In Hindi: भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के छठे अवतार भगवान परशुराम जी की जयंती (Parshuram Jayanti) हर साल वैशाख मास की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है. भगवान परशुराम (Lord Parshuram) उन सात चिरंजीवियों में से एक हैं, जो आज भी इस पृथ्वी पर जीवित हैं. भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन हुआ था, इसलिए इसी दिन उनका जन्मोत्सव मनाया जाता है. उनके पिता का माम जमदग्नि और माता का नाम रेणुका था. कहा जाता है कि अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए परशुराम ने अपनी माता की हत्या कर दी थी, जिसके कारण उन पर मातृ हत्या का पाप लगा था. इस पाप का पश्चाताप करने के लिए उन्होंने भगवान शिव (Lord Shiva) की तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें परशु नाम का एक अस्त्र दिया था और इस अस्त्र के कारण ही उनका नाम परशुराम पड़ा.
इस साल देशभर में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन जारी है, ऐसे में लोगों से घरों में रहकर परशुराम जयंती मनाने की अपील की जा रही है. इस खास अवसर पर अगर आप अपने प्रियजनों से नहीं मिल पा रहे हैं या फिर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को इस पर्व की बधाई देना चाहते हैं तो इन शानदार वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेज, जीआईएफ इमेज, वॉलपेपर्स, कोट्स और फोटो एसएमएस को सोशल मीडिया के जरिए भेजकर आप परशुराम जयंती की शुभकामनाएं (Happy Parshuram Jayanti Wishes) दे सकते हैं.
1- परशुराम हैं प्रतीक प्यार का,
राम हैं प्रतीक सत्य सनातन का,
इस प्रकार परशुराम का अर्थ है...
पराक्रम के कारक और सत्य के धारक.
परशुराम जंयती की शुभकामनाएं
2- आओ सब मनाएं परशुराम जयंती,
लेकर प्रभु का नाम करें गुणगान,
मांगे आशीष परमेश्वर से जप कर उनका नाम,
बोलो परशुराम की जय....
परशुराम जंयती की शुभकामनाएं
3- गुरु हैं वो करण के,
अंतर जाने आनंत और मरण के,
नमन करता सारा संसार जिसे,
बने जल भी अमृत उनके चरण के.
परशुराम जंयती की शुभकामनाएं
4- शस्त्र और शास्त्र दोनों ही हैं उपयोगी,
यही पाठ सिखा गए हैं हमें योगी.
जय श्री परशुराम...
परशुराम जंयती की शुभकामनाएं
5- शांत हैं तो श्रीराम हैं,
भड़क गए तो परशुराम हैं,
जय श्री राम...
जय श्री परशुराम...
परशुराम जंयती की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि श्रीहरि के छठे अवतार भगवान परशुराम ने जहां त्रेता युग में श्रीराम की लीला देखी तो वहीं उन्होंने द्वापर युग में श्रीकृष्ण की लाली भी देखी. पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीराम ने परशुराम जी को अपना सुदर्शन चक्र सौंपा था, जिसे परशराम जी ने द्वापर युग में श्रीकृष्ण को वापस किया था. कहा जाता है कि परशुराम न्याय के देवता हैं और उन्होंने करीब 21 बार इस धरा को क्षत्रिय विहीन कर दिया था.