Odisha Formation Day 2022 Wishes: ओडिशा दिवस की बधाई, इन WhatsApp Messages, GIF Greetings, HD Images, Wallpapers के जरिए मनाएं जश्न
ओडिशा हर साल 1 अप्रैल को ओडिशा स्थापना दिवस यानी उत्कल दिवस मनाता है, भाषा आधारित स्वतंत्र राज्य का दर्जा प्राप्त करने के बाद साल 1950 में ओडिशा देश का स्वतंत्र राज्य बना और 4 नवंबर 2011 को उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा कर दिया गया. ओडिशा राज्य स्थापना दिवस यानी उत्कल दिवस पर आप इन विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए जश्न मना सकते हैं.
Odisha Formation Day 2022 Wishes: एक अप्रैल को जहां दुनिया भर में अप्रैल फूल दिवस मनाया जाता है तो वहीं भारतीय राज्य ओडिशा (Odisha) हर साल 1 अप्रैल को ओडिशा स्थापना दिवस (Odisha Formation Day) मनाता है, जिसे उत्कल दिवस (Utkal Divas) के तौर पर भी जाना जाता है. बता दें कि 1 अप्रैल 1936 को देश के प्रथम भाषा आधारित राज्य के तौर पर उत्कल प्रांत का गठन हुआ था, जिसका अंग्रेजी नाम ओरिशा (ओडिशा) था. भाषा के आधार पर ओडिशा को संयुक्त बंगाल-बिहार-उड़ीसा प्रांत से अलग किया गया था, ओडिशा पहले कलिंग का प्रमुख हिस्सा हुआ करता था, जिसने सम्राट अशोक (Samrat Ashok) के नेतृत्व में कलिंग का युद्ध देखा था. सन 1803 में ब्रिटिश हुकूमत ने इसे छोटी इकाइयों में विभाजित कर दिया. नव गठित ओडिशा यानी उड़ीसा में कटक, पुरी, बालेश्वर, संबलपुर, गंजम और कोरापुट नाम के छह जिलों को शामिल किया गया था और इस राज्य की राजधानी कटक को बनाया गया था.
ओडिशा प्रांत का पहला गवर्नर सर जॉन हुबक को बनाया गया था. भाषा आधारित स्वतंत्र राज्य का दर्जा प्राप्त करने के बाद साल 1950 में ओडिशा देश का स्वतंत्र राज्य बना और 4 नवंबर 2011 को उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा कर दिया गया. ओडिशा राज्य स्थापना दिवस यानी उत्कल दिवस पर आप इन विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए जश्न मना सकते हैं.
1- उत्कल दिवस की हार्दिक बधाई
2- ओडिशा दिवस की शुभकामनाएं
3- ओडिशा स्थापना दिवस
4- हैप्पी उत्कल दिवस
5- हैप्पी ओडिशा दिवस
पहले जहां ओडिशा में छह जिले थे तो वहीं अब इसमें 30 जिले, 314 ब्लॉक और 317 तहसील हैं. स्वतंत्र उत्कल प्रांत बनाने में उत्कल गौरव मधुसूदन दास, उत्कलमणि गोपबंधु दास, महाराज कृष्ण चंद्र गजपति, भक्तकवि मधुसूदन राव, पंडित नीलकंठ दास, व्यास कवि फकीर मोहन सेनापति, गंगाधर मेहेर और कवि राधानाथ राय जैसी हस्तियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. इस खास दिवस पर राज्य में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें ओडिशा की परंपरा और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है.