Navratri Ghatasthapana 2024: शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना कैसे करें? जानें घटस्थापना से जुड़े महत्वपूर्ण नियम

नवरात्रि के मुख्य अनुष्ठानों में से एक घटस्थापना है, जिसे कलश स्थापना के रूप में भी जाना जाता है और यह नवरात्रि की शुरुआत का प्रतीक है. कलश स्थापना एक पवित्र बर्तन (कलश) में देवी दुर्गा का आह्वान करने की एक रस्म है और इसे नवरात्रि के पहले दिन किया जाता है.

नवरात्रि 2024 कलश स्थापना (Photo Credits: File Image)

Sharad Navratri Ghatasthapana 2024: नवरात्रि (Navratri) सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक है, जो देवी दुर्गा और उनके नौ रूपों को समर्पित है. मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ रूपों को नवदुर्गा (Nav Durga) के नाम से जाना जाता है. यह त्यौहार पूरे भारत में गहरा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है और बड़ी भक्ति के साथ मनाया जाता है. नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी के एक अलग रूप को समर्पित है, जो शक्ति, सुरक्षा, ज्ञान और समृद्धि जैसे विभिन्न गुणों का प्रतीक है. नवरात्रि के मुख्य अनुष्ठानों में से एक घटस्थापना (Ghatasthapana) है, जिसे कलश स्थापना (Kalash Sthapana) के रूप में भी जाना जाता है और यह नवरात्रि की शुरुआत का प्रतीक है. कलश स्थापना एक पवित्र बर्तन (कलश) में देवी दुर्गा का आह्वान करने की एक रस्म है और इसे नवरात्रि के पहले दिन किया जाता है. नवरात्रि के दौरान घटस्थापना 2024 गुरुवार, 3 अक्टूबर को है. घटस्थापना मुहूर्त 3 ​​अक्टूबर को सुबह 06:30 बजे से सुबह 07:31 बजे तक रहेगा यानी शुभ मुहूर्त 1 घंटे 2 मिनट तक रहेगा.

घटस्थापना क्या करें और क्या न करें?

घटस्थापना अनुष्ठान हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है और शास्त्रों के अनुसार, कलश स्थापना यानी घटस्थापना के लिए अच्छी तरह से परिभाषित नियम और दिशानिर्देश हैं, जिनका पालन किया जाना चाहिए. नवरात्रि 2024 के पहले दिन कलश स्थापना पूजा के दौरान आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, आइए इस पर एक नजर डालते हैं. यह भी पढ़ें: Sharad Navratri 2024 Sanskrit Wishes: शारदीय नवरात्रि पर इन संस्कृत WhatsApp Messages, Shlokas, Facebook Greetings को भेजकर कहें नवरात्रि-पर्वणः शुभाशयाः

घटस्थापना क्या करें?

घटस्थापना क्या न करें?

गौरतलब है कि शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान, मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री सहित देवी दुर्गा के नौ रूपों की बहुत भक्तिपूर्वक पूजा की जाती है.

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