Navratri 2019: रामलीला की पौराणिक कथा में हाईटेक तड़का, उड़ते हनुमान और जलती लंका को देख रोमांचित हो रहे हैं  दर्शक
रामलीला (Photo Credits: YouTube)

Navratri 2019: इन दिनों देश भर में नवरात्रि (Navratri) और गरबा (Garba) के साथ-साथ रामलीला (Ramlila) की भी बयार बह रही है. रामलीला देखने वाले दर्शकों का अपने आदर्श श्रीराम (Lord Rama) की लीलाओं को देखने की ललक और उत्साह अलग-अलग रामलीला मंचों पर देखी जा सकती है. आज जब इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग साइटों का इस्तेमाल निरंतर बढ़ता जा रहा है, इसका असर रामलीला की प्रस्तुति में भी देखा जा सकता है. कोई शक नहीं कि रामलीला के हाईटेक का तड़का लगने के बाद दर्शकों की संख्या में इजाफा हो रहा है. यद्यपि रामलीला की इस प्रस्तुति में भले ही हाई तकनीक का असर हो, मगर रामलीला के प्रसंगों की पौराणिक खुशबू अभी भी विद्यमान हैं.

देश का सर्वाधिक हाईटेक रामलीला का आकर्षण

देश की राजधानी दिल्ली एवं एनसीआर में यूं तो प्रतिवर्ष सैकड़ों रामलीलाओं का मंचन होता रहता है, लेकिन दिल्ली स्थित लाल किला परिसर में लव-कुश रामलीला समिति द्वारा प्रस्तुत देश का सबसे हाईटेक रामलीला पिछले कई वर्षों से सुर्खियों में है. यहां हर वर्ष रामलीला में कुछ न कुछ नई तकनीकों का इस्तेमाल अवश्य किया जाता है, इसीलिए यहां हर वर्ष दर्शकों की संख्या में भारी वृद्धि होती है. गत वर्ष समिति ने रामलीला को 3जी सर्विस के जरिए मोबाइल और इंटरनेट पर भी दिखाने की व्यवस्था की थी. समिति के एक जिम्मेदार सदस्य के अनुसार, हमारी हमेशा से यही कोशिश रहती है कि हमारी रामलीला से ज्यादा से ज्यादा दर्शक जुड़ें और रामलीला की परंपरा और पौराणिकता को समझें.

गत वर्ष हमने मुरादाबाद शैली में रामलीला का मंचन किया था, जिसे आदर्श कला संगम के लगभग 120 कलाकारों ने प्रस्तुत किया था. रामकथा को भव्य एवं हाईटेक बनाने के लिए हमने तीन फ्लोर वाला मंच बनवाया था. हाईटेक की मदद से हमने आकाश, पृथ्वी एवं पाताल लोक का अहसास करवाया. कुछ दृश्यों को विशेष हाई फाई टेक्नालॉजी से दिखलाया, जिसमें लंका दहन के दरम्यान हनुमान जी को उड़ते हुए लंका के महलों में आग लगाते दिखाया गया. उड़ते हुए ही हनुमान जी भगवान श्रीराम के पास पहुंचे थे. ऐसे दृश्य दर्शक बहुत कौतुहल से देखते और प्रभावित होते हैं.

वेबसाइट और यू ट्यूब पर रामलीला

रामलीला को ज्यादा से ज्यादा रोचक बनाने और दर्शकता बढ़ाने के लिए समिति ने इसे इंटरनेट के माध्यम से वेबसाइट पर भी देखने की व्यवस्था कर रखी है. इससे यू ट्यूब देखने वाले दर्शक भी रामलीला का आनंद उठा सकेंगे. यही नहीं थ्री जी मोबाइलधारक जब भी चाहें रामलीला का आनंद उठा सकते हैं. गत वर्ष डिजिटल प्रौद्योगिकी के जरिये रामलीला को 14 अलग-अलग भाषाओं में पेश किया गया. दरअसल आजकल के युवा किसी भी चीज का गहराई से अध्ययन करने और सोशल मीडिया और डिजिटल दुनिया में अधिक रुचि दिखाते हैं, इसलिए हर बार रामलीला में और अधिक डिजिटल तकनीक जोड़ने की कोशिश रहती है हमारी. यह भी पढ़ें: Navratri 2019: शारदीय नवरात्रि में करें मां दुर्गा के इन प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन, माता के दरबार में होगी हर मुराद पूरी

रामलीला के चरित्रों के साथ सेल्फी लेने की दीवानगी

आज के युवाओं में सेल्फी लेने की दीवानगी कहीं भी देखी जा सकती है. युवक-युवतियां कलरफुल पारंपरिक पोशाक पहने राम, सीता, हनुमान एवं रावण की भूमिका निभाने वाले कलाकारों के साथ वक्त मिलते ही सेल्फी निकालने से बाज नहीं आते. कलाकार भी दर्शकों की चाहत बाखुशी पूरी करवाते हैं. कहीं-कहीं तो प्रशंसकों के साथ-साथ कलाकार भी सेल्फी लेते हुए पाउट की मुद्रा बनाने में संकोच नहीं करते. सेल्फी लेकर उसे तुरंत वाट्सएप, फेसबुक अथवा अन्य मोबाइल ऐप के जरिये देश-विदेश स्थित अपने मित्रों और परिजनों को भेजकर वाहवाही लूट रहे हैं.

सेल्फी का यह क्रेज बच्चों और युवाओं से लेकर महिलाओं तक में देखा जा सकता है. कोई अपने आदर्श सुंदर एवं सौम्य तथा मंद-मंद मुस्कुराते राम सीता के साथ, कोई मुंह पर मास्क लगाये हनुमान के साथ तो कोई लंबी घनी मूंछो वाले रावण के साथ सेल्फी लेना पसंद करता है. वैसे सबसे ज्यादा क्रेज रावण के साथ सेल्फी लेते देखा जा रहा है. रामलीला के चरित्रों के साथ सेल्फी के प्रति बढ़ती दीवानगी को देखते हुए रामलीला कमेटी के लोगों ने भी रामलीला प्रांगण में ही सेल्फी प्वाइंट बनवा दिये हैं. ऐसे नजारे अधिकांश रामलीला मंडलों में देखा जा सकता है.