National Pollution Control Day 2020: जानें भोपाल गैस त्रासदी और औद्योगिक प्रदूषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाले इस दिवस का इतिहास और महत्व

भारत में हर साल राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस 2 दिसंबर को मनाया जाता है. इस दिन तीन दशक पहले हुई भोपाल गैस त्रासदी में मारे गए लोगों और हजारों पीड़ितों को याद किया जाता है. दरअसल, भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे खराब औद्योगिक आपदाओं में से एक है, इसलिए औद्योगिक प्रदूषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है.

वायु प्रदूषण नियंत्रण दिवस 2020 (Photo Credits: File Image)

National Pollution Control Day 2020: भारत में हर साल राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस (National Pollution Control Day) 2 दिसंबर को मनाया जाता है. इस दिन तीन दशक पहले हुई भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) में मारे गए लोगों और हजारों पीड़ितों को याद किया जाता है. दरअसल, भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे खराब औद्योगिक आपदाओं (industrial disasters) में से एक है, इसलिए औद्योगिक प्रदूषण (Industrial Pollution) के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है. राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस हमें बताता है कि पर्यावरण (Environment) की अनदेखी करना मानव जीवन के लिए कितना विनाशकारी साबित हो सकता है. अगर आप राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस 2020 के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो चलिए विस्तार से जानते हैं इस दिवस की तिथि, इतिहास और महत्व.

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस की तिथि

हर साल की तरह राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस आज यानी 2 दिसंबर को मनाया जा रहा है. इस साल भोपाल गैस त्रासदी की 36वीं वर्षगांठ है.

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस को मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (Union Carbide India Limited) (यूसीआईएल) रासायनिक संयंत्र में हुई दुर्भाग्यपूर्ण गैस-रिसाव घटना की याद में मनाया जाता है. बताया जाता है कि सबसे खराब औद्योगिक आपदाओं में से एक भोपाल गैस त्रासदी के दौरान दो दिसंबर की रात 5,00,000 से अधिक लोग घातक मिथाइल आइसोसाइनेट गैस (Methyl Isocyanate Gas) की चपेट में आए थे. आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 3,787 दर्ज की गई, लेकिन कई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि 15,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. यह भी पढ़ें: Bhopal Gas Tragedy 36th Anniversary: भोपाल की हवाओं में आज भी घुला है वह जहर, जिसकी सजा भुगत रही है तीसरी पीढ़ी

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का महत्व

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस एक ऐसा अवसर है जो देश के लिए चुनौती बनकर खड़े वायु प्रदूषण की मौजूदा समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाता है. वर्तमान में देश के विभिन्न हिस्सों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर तक पहुंच गई है. आलम तो यह है कि खराब गुणवत्ता वाली हवा में सांस लेना तक दुभर होने लगा है. इस दिवस का उद्देश्य लोगों को उन तरीकों और उपायों के बारे में शिक्षित करना है जिनके द्वारा वे प्रदूषण को नियंत्रित या कम कर सकते हैं.

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का उद्देश्य लोगों और औद्योगिक श्रमिकों को एहतियाती उपायों के बारे में शिक्षित करना है.चूंकि औद्योगिक प्रदूषित कचरा हाल के दिनों में सबसे बड़े खतरों में से एक माना जा रहा है, इसलिए राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का अवसर भी समय पर याद दिलाने का काम करता है कि पर्यावरण को कैसे स्वच्छ रखा जा सकता है?

गौरतलब है कि हर साल 7 मिलियन से अधिक लोग वायु प्रदूषण और इससे संबंधित बीमारियों की चपेट में आकर अपना दम तोड़ देते हैं. बहरहाल,  राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर हम उम्मीद करते हैं कि एक जिम्मेदार नागरिक की तरह आप भी प्रदूषण को कम करने में अपना योगदान देंगे.

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