National Doctors' Day 2019: भारत में 1 जुलाई को क्यों मनाया जाता है डॉक्टर्स डे, जानिए इस दिवस का इतिहास और महत्व

जुलाई महीने की पहली तारीख यानी 1 जुलाई को भारत में डॉक्टर्स डे यहां के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. बिधान चंद्र रॉय को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. भारत में इस दिवस को मनाने की शुरुआत 1991 में तत्कालिक भारत सरकार द्वारा की गई थी.

नेशनल डॉक्टर्स डे 2019 (Photo Credits: Pixabay)

National Doctors' Day 2019: भारत में डॉक्टरों (Doctors) को भगवान का दर्जा दिया जाता है, क्योंकि वो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मरीजों (Patients) का न सिर्फ इलाज करते हैं, बल्कि उन्हें एक नया जीवन भी देते हैं. भले ही जीवन और मृत्यु की डोर भगवान के हाथों में है, लेकिन उन्होंने डॉक्टर के रूप में धरती पर ऐसा मसीहा भेजा है, जिसे जीवन दाता कहा जाता है. विज्ञान और चिकित्सा जगत में हो रही तरक्की की मदद से डॉक्टर आज गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का इलाज कर उन्हें एक नई जिंदगी प्रदान कर रहे हैं. डॉक्टरों के इसी समर्पण, कार्य के प्रति निष्ठा, ईमानदारी और लगन के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे यानी राष्ट्री चिकित्सक दिवस (National Doctors' Day) सेलिब्रेट किया जाता है.

नेशनल डॉक्टर्स डे भारत के अलावा, क्यूबा, अमेरिका, वियतनाम, ब्राजील, नेपाल और ईरान जैसे कई देशों में मनाया जाता है. भारत में हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है तो वहीं अन्य देशों में अलग-अलग तारीखों पर इसे सेलिब्रेट किया जाता है.  यह भी पढ़ें: International Yoga Day 2019: 12 योगासनों से मिलकर बना है सूर्य नमस्कार, जानें इसके सेहतमंद फायदे

इस दिन किया जाता है डॉ. बिधान चंद्र रॉय को याद 

जुलाई महीने की पहली तारीख यानी 1 जुलाई को भारत में डॉक्टर्स डे यहां के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. बिधान चंद्र रॉय को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. भारत के महान फिजिशियन डॉ. बिधान चंद्र रॉय पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री भी थे. उनका जन्म 1 जुलाई 1882 को बिहार के पटना में हुआ था. 4 फरवरी 1961 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया. इस दुनिया में अपनी महान सेवा देने के बाद 80 साल की उम्र में 1 जुलाई 1962 को उनका निधन हो गया. बता दें कि उनके जन्म दिवस के दिन ही उनकी पुण्यतिथि भी मनाई जाती है.

कैसे हुई डॉक्टर्स डे मनाने की शुरुआत ?

विश्व में पहली बार डॉक्टर्स डे 30 मार्च 1933 को यूएस के जार्जिया में मनाया गया था, लेकिन भारत में इसकी दिवस को मनाने की शुरुआत 1991 में तत्कालिक भारत सरकार द्वारा की गई. तब से हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाने लगा. भारत के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री को सम्मान और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: World Music Day 2019: संगीत सुनना है सेहत के लिए फायदेमंद, जानें इसके 5 लाजवाब फायदे

क्यों मनाया जाता है नेशनल डॉक्टर्स डे?

हर व्यक्ति के जीवन में एक डॉक्टर अहम भूमिका निभाता है. डॉक्टर एक मरीज का इलाज कर उसे जल्द से जल्द ठीक करने के लिए अपना धर्म बखूबी निभाता है. एक ओर जहां लोग डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कभी-कभी आम और गरीब लोग गैर-जिम्मेदार और गैर- व्यावसायिक डॉक्टरों के चंगुल में भी फंस जाते हैं. जिसके कारण कई बार डॉक्टरों और मरीजों के बीच भरोसे की डोर कमजोर पड़ने लगती है.

यह दिवस उन डॉक्टरों को जागरूक करने का भी एक अवसर प्रदान करता है जो अपने प्रोफेशन का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अलावा इस दिन देश के उन डॉक्टरों को सम्मान देकर उनका आभार व्यक्ति किया जाता है, जिन्होंने अपनी कोशिश, समर्पण और मेहनत के जरिए मरीजों को जीवनदान देने में अहम भूमिका निभाई है.

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