National Ayurveda Day 2023: धनतेरस पर ही क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस? जानें क्या है आयुर्वेद एवं इस दिवस का इतिहास?
प्रत्येक वर्ष धनतेरस के दिन देश भर में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य एवं दैनिक जीवन शैली को बेहतर बनाने में आयुर्वेद के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक और ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करना है.
National Ayurveda Day 2023: प्रत्येक वर्ष धनतेरस के दिन देश भर में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य एवं दैनिक जीवन शैली को बेहतर बनाने में आयुर्वेद के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक और ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करना है. केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सौजन्य से हर साल धन्वंतरि जयंती (धनतेरस) के अवसर पर आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है. हमेशा की तरह इस वर्ष भी 10 नवंबर, 2023 को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाएगा, लेकिन इस बार आयुष मंत्रालय ने अन्य मंत्रालयों के सहयोग से लगभग सौ से अधिक देशों इस दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की योजना बनाई है. आइये जानते हैं इस दिवस विशेष के महत्व, इतिहास एवं अन्य रोचक प्रसंगों के बारे में.. यह भी पढ़े: Dhanteras 2023: धनतेरस पर किन-किन वस्तुओं को नहीं खरीदना चाहिए? जानें ऐसी 8 वस्तुओं की सूची!
आयुर्वेद क्या है?
* आयुर्वेद को भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं का अभिन्न अंग माना जाता है. इस उपचार प्रणाली को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मान्यता प्राप्त है.
* आयुर्वेद दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है. इसकी उत्पत्ति पांच हजार वर्ष पहले भारत में हुई थी.
* आयुर्वेद शरीर, आत्मा और दिमाग में समस्थिति (Homeostasis) को बहाल करने के लिए स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहित करती है.
* आयुर्वेदिक दवाएं व्यक्ति विशेष के रोगों एवं शारीरिक पीड़ा से मुक्त रखने में मदद करती हैं. कहा जाता है कि जीवन का विज्ञान, आयुर्वेद मानसिक, भावनात्मक, शारीरिक, आध्यात्मिक और समग्र कल्याण को बढ़ावा देता है.