Mysuru Dasara Celebrations 2021 Live Streaming: शुरु हो रहा है दस दिवसीय मैसूर दशहरा महोत्सव, जानें कब और कैसे देखें लाइव
मैसूर दशहरा/फाइल फोटो (Photo Credits: Wikimedia Commons)

Mysuru Dasara Celebrations 2021 Live Streaming: मैसूर दशहरा (Mysuru Dasara) का भव्य समारोह कल यानी 7 अक्टूबर को नवरात्रि (Navratri) की शुरुआत के साथ शुरू होगा और 15 अक्टूबर को विजयादशमी (Vijaydashmi) यानी दशहरा (Dussehra) का त्योहार मनाया जाएगा. दस दिनों तक चलने वाले इस त्योहार को नवरात्रि के दौरान बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. मैसूर दशहरा के भव्य उत्सव को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग शहर आते हैं. हालांकि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) की दूसरी लहर के डर से राज्य सरकार ने इस साल उपस्थित होने वाले लोगों की संख्या को सीमित कर दिया है. उत्सव के दौरान वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल (COVID-19 Protocol) लागू किया गया है.

भले ही आप मैसूर दशहरा उत्सव में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, लेकिन इससे जुड़े अनुष्ठान, समारोह और जुलूस को लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए घर बैठे ऑनलाइन देख सकते हैं. आप 7 अक्टूबर को चामुंडी हिल में उद्घाटन से लेकर 15 अक्टूबर 2021 को विजया दशमी पर जंबो सवारी जुलूस और फूल अर्पित करने तक के सभी कार्यक्रम को ऑनलाइन देख सकते हैं. कोरोना वायरस प्रकोप के बीच भारी भीड़ से बचने के लिए ऑनलाइन स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की गई है.

कहां देखें मैसूर दशहरा समारोह 2021 लाइव स्ट्रीमिंग

भक्त मैसूर दशहरा उत्सवों के भव्य समारोहों के लाइव स्ट्रीमिंग को आधिकारिक वेबसाइट mysoredasara.gov.in पर देख सकते हैं. इसके अलावा लोग लाइव इवेंट को यूट्यूब चैनल और ऑफिशियल फेसबुक पेज पर भी देख सकते हैं.

यहां देखें मैसूर दशहरा समारोह 2021 को लाइव

मैसूर दशहरा समारोह 2021 का मुख्य कार्यक्रम विवरण

  • चामुंडी हिल में उद्घाटन- 7 अक्टूबर 2021 को 8.15AM से 8.45AM तक.
  • विजया दशमी- जंबो सवारी जुलूस (नंदी ध्वज पूजा)- 15 अक्टूबर 2021 को 4:36 PM to 4:46 PM तक.
  • विजया दशमी- जंबो सवारी जुलूस (फूल प्रसाद)- 15 अक्टूबर को 5 PM to 5:30 PM तक.

मैसूर दशहरा हर साल भव्य पैमाने पर मनाया जाता है. वार्षिक उत्सव के दौरान एक हाथी के ऊपर देवी चामुंडेश्वरी की प्रतिमा का एक भव्य जुलूस शहर की सड़कों के जरिए मैसूर पैलेस से निकाला जाता है और बन्नीमंतपा में समाप्त होता है, जहां बन्नी के पेड़ की पूजा की जाती है. हालांकि इस साल कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं.