Makar Sankranti 2025 Messages: हैप्पी मकर संक्रांति! प्रियजनों संग शेयर करें ये शानदार हिंदी WhatsApp Wishes, Quotes, GIF Greetings और Images
मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं, जिससे देवताओं के दिन की शुरुआत होती है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन श्रीहरि ने पृथ्वी लोक से असुरों का संहार किया था और उनकी जीत की खुशी में इस पर्व को मनाया जाता है. इस अवसर पर आप इन शानदार हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और इमेजेस को शेयर कर प्रियजनों से हैप्पी मकर संक्रांति कह सकते हैं.
Makar Sankranti 2025 Messages in Hindi: मकर संक्रांति (Makar Sankranti) को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. उत्तर भारत में इसे खिचड़ी (Khichdi), तमिलनाडु में पोंगल (Pongal), ओडिशा में मकर चौला (Makar Chaula), असम में माघ बिहू (Magh Bihu) और गुजरात में उत्तरायण (Uttarayan) कहा जाता है. इस साल 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है. बता दें कि मकर संक्रांति के साथ ही एक बार फिर से शादी-ब्याह, गृह प्रवेश व मुंडन जैसे मांगलिक कार्य भी शुरु हो जाते हैं. हिंदू धर्म की प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, जब सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व पूरे देश में मनाया जाता है. इस दिन गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान के बाद तिल से बनी चीजों के दान का विशेष महत्व बताया जाता है. इसके साथ ही इस दिन तिल-गुड़ का सेवन किया जाता है.
मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं, जिससे देवताओं के दिन की शुरुआत होती है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन श्रीहरि ने पृथ्वी लोक से असुरों का संहार किया था और उनकी जीत की खुशी में इस पर्व को मनाया जाता है. इस अवसर पर आप इन शानदार हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और इमेजेस को शेयर कर प्रियजनों से हैप्पी मकर संक्रांति कह सकते हैं.
बताया जाता है कि मकर संक्रांति के दिन मांस-मदिरा जैसे तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही कहा जाता है कि इस दिन किसी के लिए अपशब्दों का प्रयोग करने से बचना चाहिए और इस दिन पेड़-पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. इसके अलावा इस दिन अगर कोई साधु, भिखारी या कोई बुजुर्ग घर के दरवाजे पर आ जाए तो उसे खाली हाथ वापस नहीं लौटाना चाहिए. साथ ही साथ इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान और दान-पुण्य करने के बाद ही कुछ खाना चाहिए.