Makar Sankranti 2022 Wishes in Hindi: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का खास महत्व बताया जाता है. इस दिन स्नान-दान कर भगवान सूर्यदेव (Bhagwan Suryadev) की पूजा की जाती है. हर साल की तरह इस साल भी मकर संक्राति का पावन पर्व 14 जनवरी 2022 को मनाया जा रहा है. इस दिन सूर्यदेव के मकर राशि में गोचर करने से खरमास की समाप्ति होती है और सभी मांगलिक कार्यों की एक बार फिर से शुरुआत हो जाती है. वैसे तो मकर संक्रांति के पर्व को देशभर में बहुत ही जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है, लेकिन इसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. उत्तर भारत में इसे खिचड़ी (Khichdi), तमिलनाडु में पोंगल (Pongal), ओडिशा में मकर चौला (Makar Chaula), असम में माघ बिहू (Magh Bihu) और गुजरात में उत्तरायण (Uttarayan) कहा जाता है.
मकर संक्रांति पर किसी पवित्र नदी में स्नान व दान के बाद सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इस दिन श्रीहरि ने पृथ्वी लोक से असुरों का संहार किया था और उनकी विजय की खुशी में इस पर्व को मनाया जाता है. इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप स्टेटस, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स के जरिए प्रियजनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- तन में मस्ती, मन में उमंग,
चलो आकाश में डाले रंग,
हो जाएं सब संग-संग,
और जमकर उड़ाएं पतंग.
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
2- सपनों को लेकर मन में,
उड़ाएंगे पतंग आसमान में,
ऐसी भरेगी उड़ान मेरी पतंग,
जो भर देगी जीवन में खुशियों के तरंग.
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
3- सूरज की राशि बदलेगी,
कुछ का नसीब बदलेगा,
यह साल का पहला पर्व होगा,
जब हम सब मिल कर खुशियां बाटेंगे.
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
4- काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी,
टूटे ना कभी डोर विश्वास की,
छू लो आप जिंदगी की सारी कामयाबी,
जैसे पतंग छूती है ऊंचाइयां आसमान की.
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
5- मंदिर की घंटी, आरती की थाली,
नदी के किनारे सूरज की लाली,
जिंदगी में आए खुशियों की बहार,
आपको मुबारक हो मकर संक्रांति का त्योहार.
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन तिल का दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही इस दिन तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्घ्य देने से पद और सम्मान में वृद्धि होती है, इसके अलावा शारीरिक और आध्यात्मिक शक्तियों का विकास होता है. उत्तरायण से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं. दरअसल, छह माह तक दक्षिणायन रहने के बाद सूर्य उत्तरायण होते हैं और इसी दिन धनु राशि को छोड़कर सूर्यदेव अपने पुत्र शनि की राशि में आते हैं.