वैशाख मास का महात्म्य! क्यों जरूरी है इस माह जल का दान? जानें इस माह क्या करें क्या ना करें!
पशु-पक्षियों के लिए भी जल की व्यवस्था करनी चाहिए. ऐसा करने वालों पर श्रीहरि की विशेष कृपा बरसती है. उसे हर तरह की सुख, शांति एवं वैभव की प्राप्ति होती है. चूंकि यह बहुत पवित्र मास होता है, इसलिए ऐसा कोई कार्य न करें, जिससे श्रीहरि रुष्ठ हों.
वेद काल से ही वैशाख मास का विशेष महात्म्य रहा है. हिंदू संस्कृति (Hindu culture) में इसे ‘माधव मास’ भी कहते हैं. यह माह विद्याओं में वेद, देवताओं में विष्णु (Vishnu), नदियों में गंगा, तेज में सूर्य, पेड़ पौधों में कल्पवृक्ष, धातुओं में सोना और रत्नों में कौस्तुभ मणि के समान माना गया है. स्कंद पुराण में उल्लेखित है कि श्रीहरि को वैशाख मास से बहुत लगाव है. इसलिए इस माह विष्णुजी का ध्यान कर गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा नदी या पुष्कर सरोवर में स्नान एवं व्रत करने से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं. चूंकि यह साल का सबसे गरम मास होता है, इसलिए प्यासे को पानी पिलाना सबसे बड़ा पुण्य का कार्य माना जाता है. इसलिए सड़कों पर प्याऊ लगवाना चाहिए. पशु-पक्षियों के लिए भी जल की व्यवस्था करनी चाहिए. ऐसा करने वालों पर श्रीहरि की विशेष कृपा बरसती है. उसे हर तरह की सुख, शांति एवं वैभव की प्राप्ति होती है. चूंकि यह बहुत पवित्र मास होता है, इसलिए ऐसा कोई कार्य न करें, जिससे श्रीहरि रुष्ठ हों. Magh Purnima 2021: आज है माघी पूर्णिमा! प्रयागराज त्रिवेणी संगम में स्नान करने इस रूप में अवतरित होते हैं देवतागण!
वैशाख मास में ये कार्य अवश्य करें
* इस पूरे माह स्नान-दान के पश्चात भगवान विष्णु और भगवान परशुराम का विधिवत तरीके से पूजा पाठ अवश्य करना चाहिए.
* वैशाख माह में गंगा नदी में स्नान के पश्चात फूल और दीप प्रज्जवलित करते हुए गंगा जी के निम्न मंत्रों का जाप एवं तत्पश्चात आरती करनी चाहिए.
'ॐ नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे माँ पावय पावय स्वाहा'
* वैशाख मास में सूर्योदय पूर्व उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करने के पश्चात श्रीहरि एवं सूर्य देव को जल अर्पित करनी चाहिए.
* वैशाख मास विष्णु भगवान का प्रिय मास है, इसलिए अगर इस दिन विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करें तो माँ लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु भी प्रसन्न होंगे. लक्ष्मी जी की यह पूजा स्नान के बाद करें, साथ ही इस मंत्र का जाप भी करना चाहिए.
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नमः
* वैशाख मास में चटख धूप के कारण तीक्ष्ण गर्मी पड़ती है. अगर इस दिन प्यासों के लिए सड़क किनारे प्याऊ लगवाएं एवं बाग-बगीचों में किसी बड़े बर्तन में जल रखें ताकि पशु-पक्षी पानी पी सकें
* वैशाख मास में गरीबों को अन्न-दान के साथ पंखा, जूते-चप्पल अथवा छाते का दान अवश्य करना चाहिए. इससे भगवान शनि प्रसन्न होते हैं.
* पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए उनके पुत्रों को वैशाख मास की अमावस्या के दिन पितृ-तर्पण करते हुए गरीबों को भोजन कराना चाहिए.
इन कार्यों को करने से बचें
* वैशाख मास में मांस एवं मदिरा का सेवन हरगिज नहीं करनी चाहिए
* किसी वयोवृद्ध एवं कमजोर लोगों को सताना नहीं चाहिए.
* अगर वैशाख मास में उपवास रखते है तो किसी पर क्रोध न करें, घर में अशांति ना फैले इस बात का अवश्य ध्यान रखें.
* वैशाख मास में शरीर पर तेल का मालिश नहीं करें.
* दिन में सोने के बजाय भगवान विष्णु जी की पूजा करें.
* वैशाख मास में रात में पलंग पर नहीं सोना चाहिए, और ना ही रात में भोजन इत्यादि करनी चाहिए.