
Maharana Pratap Punyatithi 2025 Quotes: इस साल यानी 19 जनवरी 2025 को राजस्थान (Rajasthan) स्थित मेवाड़ (Mewar) के महान राजपूत राजा महराणा प्रताप सिंह की 428वीं पुण्यतिथि (Maharana Pratap Punyatithi) मनाई जा रही है. वैसे तो भारत के गौरवशाली इतिहास में कई राजाओं का जिक्र किया गया है, लेकिन उन सब में महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) को वीर सम्राट, साहसी योद्धा, महान राष्ट्रभक्त और पराक्रमी राजा के तौर पर बताया गया है. इतिहास के पन्नों में महाराणा प्रताप की वीरता और शौर्यगाथा से जुड़े कई किस्से प्रचलित हैं, जिनमें से एक है हल्दी घाटी की लड़ाई से जुड़ा किस्सा... कहा जाता है कि महाराणा प्रताप को मेवाड़ का शासन अकबर की अधीनता में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं था. जब महाराणा प्रताप ने मुगल बादशाह अकबर की अधीनता में मेवाड़ का शासन चलाने से इनकार कर दिया, तब 18 जून 1576 को हल्दी घाटी में युद्ध छिड़ गया. इस युद्ध में महाराणा प्रताप अपनी छोटी सी सेना के साथ अकबर की विशाल सेना से लड़ रहे थे, छोटी सी सेना होने के बावजूद न तो महाराणा प्रताप इस युद्ध में हारे थे और न ही अकबर इस युद्ध को जीत सका था.
वीर योद्धा और मेवाड़ के महान राजा महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुंभलगढ़ में हुआ था. उनके पिता का नाम उदय सिंह द्वितीय और माता का नाम महारानी जयवंता बाई था, जबकि उनका निधन 19 जनवरी 1597 को हुआ था. हर साल उनकी पुण्यतिथि पर उनकी वीरता के किस्सों को याद करते हुए महाराणा प्रताप को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. ऐसे में आप भी उनके इन 10 महान विचारों को अपनों के साथ शेयर कर सकते हैं.










गौरतलब है कि महाराणा प्रताप राजनीतिज्ञ, कुटनीतिज्ञ, मानसिक और शारीरिक क्षमता में अद्वितीय थे. वो मेवाड़ के एक ऐसे महान योद्धा और युद्ध रणनीति में कुशल राजा थे, जिन्होंने कई बार मुगलों के हमलों से मेवाड़ और मेवाड़ की जनता की रक्षा की थी. कहा जाता है कि उनके जीवन में कई विकट परिस्थितियां आईं, लेकिन उन्होंने कभी भी अपना सिर किसी दुश्मन के आगे झुकने नहीं दिया. उनकी वीरता के किस्से आज भी सुनाए जाते हैं और उनका नाम इतिहास के पन्नों में एक महान राजा के तौर पर दर्ज है.