Lohri 2025 Greetings: लोहड़ी दी लख-लख बधाइयां! शेयर करें ये मनमोहक WhatsApp Stickers, GIF Images, HD Wallpapers और Facebook wishes
लोहड़ी रबी की फसल की कटाई और सर्दियों के दिनों के खत्म होने और बसंत के आने का प्रतीक है. इस अवसर पर आप इन मनमोहक ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ इमेजेस, एचडी वॉलपेपर्स और फेसबुक विशेज के जरिए लोहड़ी दी लख-लख बधाइयां दे सकते हैं.
Lohri 2025 Greetings in Hindi: नए साल का पहला त्योहार लोहड़ी पंजाब और पंजाबी समुदाय के लोगों का प्रमुख पर्व है, लेकिन इसे हर धर्म के लोग पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं. मकर संक्रांति से पहले मनाए जाने वाले इस पर्व की पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana), दिल्ली (Delhi), हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh), राजस्थान (Rajasthan), जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) जैसे भारतीय राज्यों में धूम देखने को मिलती है. साल 2025 में लोहड़ी 13 जनवरी, सोमवार को मनाई जा रही है. इस दिन शाम के समय पूजा की जाती है और सूखी लड़कियों से लोहड़ी जलाई जाती है, जिसमें रेवड़ी, तिल, गुड़, मूंगफली और मक्का जैसी चीजें डालते हुए जलती हुई अग्नि की सात परिक्रमा की जाती है. इसके साथ ही लोहड़ी की अग्नि के चारों तरफ लोग ढोल-नगाड़ों की ताल पर जमकर भांगड़ा और गिद्दा किया जाता है.
लोहड़ी किसानों का प्रमुख पर्व है, जिसे फसल पकने और अच्छी खेती के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इस दिन लोग सूर्य देव और अग्नि देवता की आराधना करते हैं. लोहड़ी रबी की फसल की कटाई और सर्दियों के दिनों के खत्म होने और बसंत के आने का प्रतीक है. इस अवसर पर आप इन मनमोहक ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ इमेजेस, एचडी वॉलपेपर्स और फेसबुक विशेज के जरिए लोहड़ी दी लख-लख बधाइयां दे सकते हैं.
पंजाबी और सिख परिवारों में शादी के बाद पहली लोहड़ी को बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है. साथ ही घर में बच्चा होने की खुशी में पहली लोहड़ी को हर्ष और उल्लास के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. नई फसलों के इस पर्व पर कटाई की जाती है, साथ ही लोग अग्नि देव और सूर्य देव का अच्छी फसल के लिए आभार व्यक्त करते हैं.
लोहड़ी के दिन दुल्ला भट्टी की कहानी सुनी जाती है. कहा जाता है कि मुगल शासक अकबर के शासन काल में पंजाब में रहने वाले दुल्ला भट्टी ने लड़कियों की रक्षा उस वक्त की थी, जब संदल बार में लड़कियों को अमीर सौदागरों को बेचा जा रहा था. एक बार तो दुल्ला भट्टी ने उन अमीर सौदागरों से लड़कियों को छुड़वाकर उनकी शादी हिंदू लड़कों से करवा दी, तब से हर साल लोहड़ी पर उसकी यह कहानी सुनाने की परंपरा चली आ रही है.