Lalita Panchami 2022 HD Images: हैप्पी ललिता पंचमी! अपनों संग शेयर करें ये WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Wallpapers और Photos

नवरात्रि के पांचवे दिन ललिता पंचमी का व्रत अपनी संतान की सुरक्षा और समस्त सुखों की कामना से रखा जाता है. इसके साथ ही धन-संपत्ति की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है. इस अवसर पर आप इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स और फोटोज को भेजकर अपनों से हैप्पी ललिता पंचमी कह सकते हैं.

ललिता पंचमी 2022 (Photo Credits: File Image)

Lalita Panchami 2022 HD Images: मां दुर्गा (Maa Durga) की उपासना का नौ दिवसीय पावन पर्व शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) चल रहा है. आज यानी 30 सितंबर 2022 को महा पंचमी (Maha Panchami) है, जिसे शुभो महा पंचमी (Subho Maha Panchami) और ललिता पंचमी (Lalita Panchami) के नाम से भी जाना जाता है. शारदीय नवरात्रि की पंचमी तिथि को व्रत रखा जाता है, जिसे उपांग ललिता व्रत (Upang Lalita Vrat) कहा जाता है. इस व्रत को महाराष्ट्र और गुजरात में विशेष रूप से रखा जाता है. इस दिन व्रत रखकर भक्त मां ललिता या त्रिपुर सुंदरी देवी का पूजन करते हैं. मां त्रिपुर सुंदरी को दस महाविद्याओं में से एक माना जाता है. कहा जाता है कि इस व्रत को करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है और इससे निसंतान दंपत्तियों को भी संतान सुख प्राप्त होता है,

नवरात्रि के पांचवे दिन ललिता पंचमी का व्रत अपनी संतान की सुरक्षा और समस्त सुखों की कामना से रखा जाता है. इसके साथ ही धन-संपत्ति की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है. इस अवसर पर आप इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स और फोटोज को भेजकर अपनों से हैप्पी ललिता पंचमी कह सकते हैं.

1- ललिता पंचमी 2022

ललिता पंचमी 2022 (Photo Credits: File Image)
2- ललिता पंचमी की शुभकामनाएं

ललिता पंचमी 2022 (Photo Credits: File Image)

3- ललिता पंचमी की हार्दिक बधाई

ललिता पंचमी 2022 (Photo Credits: File Image)

4- हैप्पी ललिता पंचमी

ललिता पंचमी 2022 (Photo Credits: File Image)

5- शुभ ललिता पंचमी
ललिता पंचमी 2022 (Photo Credits: File Image)

प्रचलित मान्यता के अनुसार, पिता दक्ष द्वारा भोलेनाथ का अपमान सहन न कर पाने पर देवी सती ने यज्ञ कुंड में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए थे, जिसके बाद भगवान शिव उनके देह को उठाकर भ्रमण कर रहे थे, जिससे हर तरफ हाहाकार मच गया था. ऐसे में भगवान शिव के मोह को भंग करने के लिए श्रीहरि ने सुदर्शन चक्र से देवी सती के अंगों को विभाजित कर दिया था, तब शिव जी ने उन्हें अपने हृदय में धारण किया, इसलिए इन्हें ललिता देवी कहा जाता है.

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