Lala Lajpat Rai Jayanti 2024 Quotes in Hindi: ‘पंजाब केसरी’ (Punjab Kesari) एवं ‘शेर-ए-पंजाब’ (Sher-E-Punjab) जैसे उपनामों से मशहूर लाला लाजपत राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख एवं शुरुआती सेनानियों में एक थे. प्रखर वक्ता, समाज सुधारक, तेजतर्रार एडवोकेट, कुशल लेखक एवं देश की आजादी के लिए हर पल तत्पर रहने वाले लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब (Punjab) के मोंगा जिले में हुआ था. एक छोटे से गांव से निकलकर आधुनिक कॉलेज में शिक्षा हासिल करने वाले लाजपत राय भारतीय पीढ़ी के पहले पढ़े लिखे नेता थे. गणित के मेधावी छात्र होकर भी वे अंग्रेजी शिक्षा के कट्टर आलोचक थे. वह मानते थे कि अंग्रेजियत भारतीय सभ्यता के प्रति अनादर सिखाती है.
साइमन कमीशन का विरोध करने पर लाजपत राय को गंभीर लाठीचार्ज का सामना करना पड़ा था, जिससे घायल होकर 17 नवंबर 1928 को लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई. आइये जानते हैं, लाला लाजपत राय के उत्कृष्ट एवं प्रेरणादायक विचारों को...
1- दूसरों की बजाय खुद पर विश्वास रखो, फिर देखना आप अपने ही प्रयत्नों से कामयाब हो सकते है.
2- नेता वह है जिसका नेतृत्व प्रभावशाली हो, जो अपने अनुयायियों से सदैव आगे रहता हो, जो साहसी और निर्भीक हो.
3- मेरे शरीर पर पड़ी एक एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में एक एक कील का काम करेगी.
4- अपने मजबूत जज्बातों के आधार पर ही आप कड़े निर्णय ले सकते है.
5- परतंत्रता की दिशा में बढ़ने का मतलब है कि क्षीणता की ओर बढ़ना.
6- परतंत्रता में जीने से मतलब खुद का विनाश है.
7- देश भक्ति का निर्माण न्याय और सत्य की दृढ़ चट्टान पर ही किया जा सकता है.
8- पराजय और असफलता कभी-कभी विजय की ओर बढ़ने के लिए आवश्यक कदम होते हैं.
9- शिशुओं के लिए दूध, वयस्कों के लिए भोजन और सभी के लिए शिक्षा जरूरी है.
10- वास्तविक मुक्ति दुखों से निर्धनता से, बीमारी से, हर प्रकार की अज्ञानता से और दासता से स्वतंत्रता प्राप्त करने में निहित है.
आपको बता दें कि लाला लाजपत राय स्वतंत्रता आंदोलन की लोकप्रिय तिकड़ी ‘लाल बाल पाल’ में से एक थे, जिसमें लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और गोपाल कृष्ण गोखले शामिल थे. गौरतलब है कि लाला लाजपत राय 30 अक्टूबर 1928 को लाहौर में साइमन कमीशन के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे, जिसे रोकने के लिए ब्रिटिश पुलिस अधीक्षक जेम्स ए स्कॉट ने पुलिस लाठीचार्ज का आदेश दिया. इस लाठीचार्ज में वे बुरी तरह से घायल हो गए, जिसके कुछ दिन बाद यानी 17 नवंबर 1928 को उनका निधन हो गया.