Lala Lajpat Rai Balidan Diwas 2022: लाला लाजपत राय बलिदान दिवस आज, शेर-ए-पंजाब के इन महान विचारों के जरिए करें उन्हें याद

लालाजी स्वतंत्रता आंदोलन की लोकप्रिय तिकड़ी ‘लाल बाल पाल’ में से एक थे, इस तिकड़ी में लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और गोपाल कृष्ण गोखले शामिल थे. लाला लाजपत राय बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. ऐसे में इस अवसर पर आप शेर-ए-पंजाब के इन महान विचारों को अपनों संग शेयर करके उन्हें याद कर सकते हैं.

लाला लाजपत राय बलिदान दिवस 2022 (Photo Credits: File Image)

Lala Lajpat Rai Balidan Diwas 2022: भारत के वीर स्वतंत्रता सेनानियों में शुमार लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) को 'पंजाब केसरी' (Punjab Kesari) और शेर-ए-पंजाब (Sher-E-Punjab) जैसी उपाधि दी गई थी. आज यानी 17 नवंबर 2022 को लाला लाजपत राय बलिदान दिवस (Lala Lajpat Rai Balidan Diwas) मनाया जा रहा है. साल 1920 में कलकत्ता में कांग्रेस के एक विशेष सत्र में हिस्सा लेने वाले लाला लाजपत राय गांधीजी द्वारा अंग्रेजों के खिलाफ शुरु किए गए असहयोग आंदोलन में शामिल हुए. उनके नेतृत्व में यह आंदोलन पंजाब में जंगल में आग की तरह फैल गया. आंदोलन के दौरान वे जिस तरह से अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ गरजते थे, उसे देखकर उन्हें शेर-ए-पंजाब और पंजाब केसरी जैसे नामों से पुकारा जाने लगा. कांग्रेस के गरम दल के नेता लाला लाजपत राय ‘करो या मरो’ की नीति पर चलने में विश्वास रखते थे. उन्हें लोग प्यार से लालाजी कहकर पुकारते थे.

लालाजी स्वतंत्रता आंदोलन की लोकप्रिय तिकड़ी ‘लाल बाल पाल’ में से एक थे, इस तिकड़ी में लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और गोपाल कृष्ण गोखले शामिल थे. लाला लाजपत राय बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. ऐसे में इस अवसर पर आप शेर-ए-पंजाब के इन महान विचारों को अपनों संग शेयर करके उन्हें याद कर सकते हैं.

1- प्रेम और सम्मान, धन से अधिक महत्वपूर्ण है. इस पर हमें विचार करना होगा और आपस में सौहार्द को बनाए रखना होगा.

लाला लाजपत राय बलिदान दिवस 2022 (Photo Credits: File Image)

2- समय बड़ा मूल्यवान है, इसके मूल्य को पहचानते हुए हमें तत्काल कुछ कड़े निर्णय लेने होंगे, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित हो सकेंगी.

लाला लाजपत राय बलिदान दिवस 2022 (Photo Credits: File Image)

3- हर चीज की एक निश्चित कीमत होती है जिसे चुकाना ही पड़ता है, हमें अपनी आजादी के लिए वह कीमत चुकानी पड़ेगी.

लाला लाजपत राय बलिदान दिवस 2022 (Photo Credits: File Image)

4- सार्वजनिक जीवन में अनुशासन को बनाए रखना बहुत ही जरूरी है, वरना प्रगति के मार्ग में बाधा खड़ी हो जाएगी.

लाला लाजपत राय बलिदान दिवस 2022 (Photo Credits: File Image)

5- पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ शांतिपूर्ण साधनों से उद्देश्य पूरा करने के प्रयास को ही अहिंसा कहते हैं.

लाला लाजपत राय बलिदान दिवस 2022 (Photo Credits: File Image)

6- नेता वह है जिसका नेतृत्व प्रभावशाली हो, जो अपने अनुयायियों से सदैव आगे रहता हो, जो साहसी और निर्भीक हो.

लाला लाजपत राय बलिदान दिवस 2022 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि लालाजी ने अपना सर्वोच्च बलिदान साइमन कमीशन के समय दिया. दरअसल, लाहौर में 30 अक्टूबर 1928 को लाला लाजपत राय के नेतृत्व में साइमन का विरोध कर रहे युवाओं को बेरहमी से पीटा गया था. उसी दौरान पुलिस ने लालाजी की छाती पर निर्ममता से लाठियां बरसाई थीं, जिसके चलते वो बुरी तरह से घायल हो गए और 17 नवंबर 1928 को उनका निधन हो गया, जिसे उनके बलिदान दिवस के तौर पर मनाया जाता है.

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