Kerala Formation Day 2024 Messages: केरल दिवस (Kerala Day 2024) या केरल पिरवी (Kerala Piravi) 1 नवंबर 1956 को भारत के एक स्वतंत्र राज्य के रूप में केरल के गठन की याद में मनाया जाता है. चाय, कॉफी और मसाले के बागानों के लिए प्रसिद्ध केरल अपनी विविध सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लिए जाना जाता है. अपने एकीकरण से पहले, केरल कोचीन, मालाबार और त्रावणकोर के स्वतंत्र प्रांतों में विभाजित था. भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद भाषा के आधार पर नए राज्यों का गठन किया गया. 1 नवंबर 1956 को केरल को भारत के स्वतंत्र राज्यों में से एक के रूप में मान्यता दी गई थी. उस समय से इस दिन को पूरे राज्य में केरल दिवस या केरल पिरवी के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष केरल दिवस या केरल पिरवी शुक्रवार 1 नवंबर को मनाया जाएगा.
भारत की स्वतंत्रता के बाद 1 जुलाई 1949 को त्रावणकोर और कोचीन को मिलाकर त्रावणकोर-कोचीन बनाया गया. 1 नवंबर 1956 को, राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत त्रावणकोर, कोचीन और मालाबार को मिलाकर केरल का नया राज्य बनाया गया. तब से, इसके एकीकरण की तिथि पर राज्य के लोग केरल दिवस या केरल पिरवी मनाते हैं. केरल पिरवी का अर्थ है केरल का जन्म, जो राज्य की आधिकारिक भाषा मलयालम में है. इस दिन केरल वासी एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भी भेजते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स और एसएमएस के जरिए केरल दिवस की बधाई दे सकते हैं.
1. केरल की धरती को शांति, सद्भाव और समृद्धि का आशीर्वाद मिले
केरल फॉर्मेशन डे की बधाई
2. आइए इस स्थापना दिवस पर केरल की समृद्ध संस्कृति
और विरासत का जश्न मनाएं.
राज्य आशा और प्रगति की किरण बना रहे
केरल फॉर्मेशन डे की बधाई
3. राज्य का विकास और समृद्धि जारी रहे,
और इसके लोग खुशी और समृद्धि में रहें
केरल स्थापना दिवस की शुभकामनाएं!
4. हम सभी अपने प्यारे राज्य के बेहतर भविष्य के
निर्माण के लिए मिलकर काम करें.
सभी को केरल पिरवी की हार्दिक शुभकामनाएं!
5. ना उपहार,ना मिठाई, ना फूल,ना कोई ग्रीटिंग कार्ड,
आपको सीधे दिल से केरल पिरवी की शुभकामनाएं!
बताया जाता है कि सन 1920 के दशक में मलयालम भाषा बोलने वालों ने एक आंदोलन छेड़ दिया था. उन्होंने मलयालम भाषियों के लिए अलग केरल राज्य बनाने की मांग की.उनकी मांग थी कि कोच्चि, त्रावणकोर और मालाबार को मिलाकर एक राज्य बनाया जाए. इसके बीच 1 जुलाई 1949 को त्रावणकोर और कोचीन रियासत का विलय हो गया, जिससे त्रावणकोर-कोचीन राज्य बना, लेकिन लगातार अलग राज्य के लिए उठ रही मांग के बाद जेवीपी आयोग बना यानी जवाहर लाल नेहरू, वल्लभ भाई पटेल और पट्टाभि सीतारमैया.
इस आयोग ने भाषा के आधार पर राज्यों के गठन का सुझाव दिया, जिसके बाद मलाबार रीजन भी त्रावणकोर-कोचीन राज्य में मिल गया और इस तरह से 1 नवंबर 1956 को केरल राज्य अस्तित्व में आया.