Janaki Jayanti 2023 Messages in Hindi: आज यानी 14 फरवरी 2023 को देशभर में मिथिला के राजा जनक की पुत्री और मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम (Bhagwan Ram) की पत्नी माता सीता (Mata Sita) की जयंती मनाई जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जानकी जंयती (Janaki Jayanti) या सीता जयंती (Sita Jayanti) का पर्व मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता सीता के साथ भगवान राम की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इसके साथ ही जीवन से सारे कष्ट दूर होते हैं. इस पर्व को भारत के अलावा नेपाल में भी धूमधाम से मनाया जाता है. माता सीता को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है, इसलिए ऐसी मान्यता है कि उनके पूजन से धन व ऐश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
जानकी जयंती पर मंदिरों में माता सीता की विशेष पूजा की जाती है और उनके दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता है. इसके साथ ही लोग अपने घरों में विधि-विधान से माता सीता व भगवान राम की पूजा करते हैं और शुभकामना संदेश भेजते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स और फोटो एसएमएस के जरिए अपनों को हैप्पी जानकी जयंती कह सकते हैं.
1- आज जानकी जयंती का त्योहार है,
जगमगा रहा ये संसार है,
मां की आराधना में तल्लीन हो जाओ,
अपनी हर मनोकामना पूरी होती पाओ.
हैप्पी जानकी जयंती
2- देश मना रहा है जानकी जयंती का त्योहार,
आपको मिले उनका आशीर्वाद और प्यार,
धन-धान्य और खुशियों से भरा रहे घर-परिवार,
दिनों-दिन बढ़ता जाए आपका कारोबार.
हैप्पी जानकी जयंती
3- श्री राम जी आपके संसार में,
सुख की बरसात करें,
और दुखों का नाश करें,
माता सीता के आशीर्वाद से,
आपका घर आंगन सदा खुशहाल रहे.
हैप्पी जानकी जयंती
4- मां सीता आपके जीवन में खुशियां लाएं,
माता सीता की सच्चे मन से पूजा करें,
सीता नवमी के पावन अवसर पर,
दुआ है कि उनकी कृपा आप पर बनी रहे.
हैप्पी जानकी जयंती
5- आपको जानकी जयंती की बहुत-बहुत बधाई,
प्रियजन और दोस्त सदा रहें आपके करीब,
लक्ष्मी स्वरूपा सीता हर परेशानी करें दूर,
जानकी जयंती आपके लिए हो शुभ फलदायी.
हैप्पी जानकी जयंती
माता सीता के प्राकट्य उत्सव के दिन विवाहित महिलाएं अपने घर-परिवार में सुख-शांति और पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना से इस व्रत को करती हैं. रामायण की प्रचलित कथा के अनुसार, एक समय मिथिला में भयंकर सुखा पड़ा था और वर्षा के लिए यज्ञ के दौरान जब राजा जनक खेत जोत रहे थे, तब खेत की भूमि से एक नन्ही की बच्ची प्रकट हुई. राजा जनक की कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने इस कन्या को गोद ले लिया और उनका नाम सीता रखा. राजा जनक की पुत्री होने के कारण उन्हें जानकी कहा जाता है.