International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking 2019: 26 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रस्तावित ड्रग्स के दुरुपयोग (Drug Abuse) और अवैध तस्करी (Illicit Trafficking) के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day) मनाया जाता है. यह दिवस नशीली दवाओं (ड्रग्स) के दुरुपयोग के साथ-साथ उनकी गैरकानूनी तस्करी के खिलाफ लड़ने का एक मौका देता है. ड्रग्स के दुरुपयोग से मुक्त अंतर्राष्ट्रीय समाज के लक्ष्य को हासिल करने और इससे होने वाले खतरे को रोकने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है. इस दिवस का मूल मकसद युवाओं की रक्षा करना और मानव जाति के कल्याण को बढ़ावा देना है.
हर साल ड्रग्स के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking) को अलग-अलग थीम के अनुसार मनाया जाता है. की थीम अलग होती है. ड्रग्स के दुरूपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2019 की थीम 'न्याय के लिए स्वास्थ्य, स्वास्थ्य के लिए न्याय' (Health for justice. Justice for health) निर्धारित की गई है. यह संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा ड्रग्स एंड क्राइम पर विकसित एक सराहनीय कदम है, जो सार्वभौमिक सुरक्षा कार्यक्रमों का समर्थन करता है.
ड्रग्स का दुरुपयोग
ड्रग्स का सेवन करने की लत एक मनोचिकित्सीय, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या है जो पूरे विश्व के युवाओं को प्रभावित करती है. इससे व्यक्ति को सामाजिक, शारीरिक, सांस्कृतिक, भावनात्मक और आर्थिक तौर पर नुकसान झेलने पड़ते हैं. ड्रग्स का सेवन डर, घबराहट, असुरक्षा की भावना जैसे विकारों को जन्म देता है. इससे भूख की कमी, वजन कम होना, कब्ज, चिंता का बढ़ना, चिड़चिड़ापन, नींद न आना, कामकाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना जैसी समस्याएं होती हैं.
ड्रग्स की अवैध तस्करी
अंतर्राष्ट्रीय तौर पर ड्रग्स का अवैध कारोबार तेजी से फल फूल रहा है, जिसमें प्रतिबंधित ड्रग्स का उत्पादन, खेती और बिक्री जैसी चीजें शामिल हैं. ड्रग्स के अवैध कारोबार के खतरे का व्यापक तौर पर अध्ययन करने के लिए ड्रग्स एंड क्राइम पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय अवैध अंतर्राष्ट्रीय दवा बाजारों की निगरानी और शोध कर रहा है. अवैध तस्करी का मुख्य क्षेत्र बाल्कन है जो पश्चिमी महाद्वीपों में अन्य अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स मार्केट के बड़े बाजार में अफगानिस्तान को जोड़ता है.
क्या है इस दिवस का इतिहास?
चीन में अफीम की अवैध तस्करी और दुरुपयोग के विनाश के लिए मशहूर हुमैन गुआंग्डोंग की याद में 26 जून 1988 से इस दिवस को मनाने की शुरुआत की गई. दरअसल, 7 दिसंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा ने 9 नवंबर 1985 के अपने 40/122 के संकल्प को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी पर एक बैठक आयोजित कर इस खतरे से लड़ने का फैसला किया. यह भी पढ़ें: International Day in Support of Victims of Torture 2019: अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का दिन, जानिए इस दिवस का इतिहास और महत्व
क्या है इस दिवस का मकसद?
ड्रग्स के सेवन और उसके अवैध उत्पादन को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने और इसके खतरों से लोगों को अवगत कराने के मकसद से इस दिन को 26 जून को मनाया जाता है. इस दिन का मकसद ड्रग्स के उपयोग और उत्पादन पर लगाम लगाना है, ताकि दुनिया भर के युवाओं को इसके खतरे से बताया जा सके. इस दिन शोधकर्ता, डॉक्टर और एनजीओ कार्यकर्ता नशीली दवाओं के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सक्रिय रूप से भाग लेते हैं. इस दिन लोग आगे आकर अपने अनुभव के बारे में बता सकते हैं कि किस प्रकार वो इसके आदी हो गए और इस समस्या से बचने के लिए किस तरह के उपाय कर रहे हैं.
भारत में 7 लाख से ज्यादा लोग ड्रग्स के आदी
दस साल पहले हुए एक सर्वेक्षण में पता चला कि मुंबई, दिल्ली और पुणे जैसे महानगरों में एक लाख से ज्यादा लोग, जबकि देश भर में सात लाख से ज्यादा लोग नशीले पदार्थों का सेवन करने के आदी हैं. हालांकि भारत सरकार ने ड्रग्स (नशीली दवाओं) के दुरुपयोग और तस्करी के खतरे को रोकने के लिए कड़े नियम बनाए हैं. भारत की सरकारी संगठन केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन कई कार्यक्रमों में भाग लेता है, जो नशीली दवाओं के दुरुपयोग के उन्मूलन को बढ़ावा देते हैं.