Hybrid Solar Eclipse 2023: साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लग रहा है, जिसे निंगलू सूर्य ग्रहण (Ningaloo Solar Eclipse) या हाइब्रिड सूर्य ग्रहण (Hybrid Solar Eclipse) कहा जा रहा है. इस खगोलीय घटना की अवधि सुबह 7.04 बजे से दोपहर 12.29 बजे तक होगी. हालांकि यह सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) सीधे तौर पर भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन लोग इस खगोलीय घटना (Astronomical Event) को दूसरे देशों से लाइव टेलीकास्ट के जरिए देखा जा सकता है. इस हाइब्रिड सूर्य ग्रहण के बाद इस साल सिर्फ एक और सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा. आखिर हाइब्रिड सूर्य ग्रहण क्या है और इसे कब और कहां देखा जा सकेगा, आइए इस लेख के जरिए जानते हैं इस खगोलीय घटना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.
क्या है हाइब्रिड सूर्य ग्रहण?
हाइब्रिड सूर्य ग्रहण तब होता है, जब कुंडलाकार ग्रहण और पूर्ण सूर्य ग्रहण का संयोजन होता है, यह घटना तब होती है जब चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर चलती है और दूसरे में संक्रमण करती है. इस दुर्लभ ग्रहण के दौरान सूर्य कुछ सेकेंड के लिए एक वलय यानी रिंग जैसी आकृति बनाता है, जिसे अग्नि का वलय यानी रिंग ऑफ फायर कहा जाता है. यह भी पढ़ें: Surya Grahan 2022: भारत में नजर आया साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, गोरखपुर में सीएम योगी ने देखा (See Pics)
कहां और कब दिखेगा ग्रहण
हाइब्रिड सूर्य ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, पूर्व और दक्षिण एशिया, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका और हिंद महासागर से दिखाई देगा. इस खगोलीय घटना को भारत में नहीं देखा जा सकेगा. हालांकि रिंग ऑफ फायर के दौरान यह भारतीय और प्रशांत महासागरों में कुछ सेकेंड के लिए दिखाई देगा. इस बीच space.com. के अनुसार, पूर्ण ग्रहण केवल एक्समाउथ, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, तिमोर, लेस्ते और पश्चिम पापुआ में दिखाई देगा. भारतीय समयानुसार, साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को सुबह 07.04 बजे से शुरु होगा और दोपहर 12.29 बजे समाप्त होगा.
सूर्य ग्रहण को देखने के सुरक्षित तरीके
नासा की मानें तो ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य को देखना खतरनाक हो सकता है, इसलिए सूर्य ग्रहण को देखने के लिए आंखों की सेफ्टी का ख्याल रखने की हिदायत दी जाती है. ग्रहण को देखने के लिए सुरक्षित उपायों की बात करें तो इसके लिए ब्लैक पॉलीमर एल्युमिनाइज्ड मायलर या शेड नंबर 14 के वेल्डिंग ग्लास सहित आई फिल्टर का उपयोग किया जा सकता है. हालांकि सूर्य के किसी भी हिस्से को कैमरे के लेंस, दूरबीन या टेलीस्कोप के जरिए डिवाइस के सामने सोलर फिल्टर लगाए बिना देखने से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है.