Hindu Samrajya Diwas 2020: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) आज (4 जून 2020) 17वीं शताब्दी के महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के राज्याभिषेक दिवस (Shivrajyabhishek) का उत्सव मना रहा है, जिसे हिंदू साम्राज्य दिवस (Hindu Samrajya Diwas) भी कहा जाता है. हिंदू साम्राज्य दिवस आरएसएस द्वारा मनाए जाने वाले छह उत्सवों में से एक है. बता दें कि हिंदू साम्राज्य दिवस के अलावा आरएसएस (RSS) आधिकारिक तौर पर मकर संक्रांति, विजया दशमी, वर्ष प्रतिपदा महोत्सव, गुरु पूर्णिमा और रक्षाबंधन जैसे पर्व मनाता है. आरएसएस का मानना है कि शिवाजी के राज्याभिषेक के साथ ही एक हिंदू साम्राज्य अस्तित्व में आया था, जिसके कारण ही इस उत्सव को मनाया जाता है.
हालांकि इस साल कोरोना वायरस प्रकोप के बीच हिंदू साम्राज्य दिवस मनाया जा रहा है. इस घातक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है. ऐसी स्थिति में आरएसएस विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए वार्ता, वेबिनार, सेमिनार जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर इस उत्सव को मना रहा है.
दरअसल, साल 1674 में इसी तिथि पर मराठा साम्राज्य के महान शासक छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था. महाराष्ट्र में इस दिवस को शिवराज्याभिषेक सोहळा के तौर पर मनाया जाता है, जबकि देश में इसे हिंदू साम्राज्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. संघ के मुताबिक, यह मराठा साम्राज्य के महान शासक और वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा संपूर्ण राष्ट्र के लिए किए गए प्रयासों को याद करने का दिन है. यह भी पढ़ें: Hindu Samarajya Diwas 2020: छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक दिवस पर ही क्यों मनाजा जाता है हिंदू साम्राज्य दिवस, जानें इसका महत्व
बता दें कि आरएसएस द्वारा मनाए जाने वाले बाकी त्योहारों को शाखा के बाहर देश के आम लोगों द्वारा भी मनाया जाता है, लेकिन हिंदू साम्राज्य दिवस एकमात्र ऐसा त्योहार है, जिसे आम तौर पर समाज में बड़े पैमाने पर नहीं मनाया जाता है. संघ का मानना है कि वास्तव में अधिकांश लोग इस बात से बेखबर हैं कि इस दिन एक ऐतिहासिक घटना घटी थी, जिसका उत्सव मनाना चाहिए.
आरएसएस ने इस त्योहार को इसलिए मनाना शुरू किया, क्योंकि उनका मानना है कि शिवराज्याभिषेक से एक हिंदू राज्य अस्तित्व में आया. शिवाजी ने इस ऐतिहासिक दिन पर स्वयं घोषणा करते हुए कहा थि कि हिंदू स्व-शासन की स्थापना की जानी चाहिए. यह भगवान की इच्छा है. इसके साथ ही आरएसएस का यह भी कहना है कि अगर हमें अपने रास्ते पर सही तरीके से आगे बढ़ना है तो इतिहास रचने वाले शिवाजी महाराज जैसे महान पुरुष को याद करना चाहिए और उनका अनुसरण करना चाहिए.