Happy Vat Purnima 2021 Wishes in Hindi: वैसे तो सुहागन महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य की कामना से साल में कई व्रत करती हैं, लेकिन वट सावित्री का व्रत (Vat Savitri Vrat) महिलाओं द्वारा साल में दो बार किया जाता है. कुछ जगहों पर ज्येष्ठ मास की अमावस्या को तो कुछ जगहों पर ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है. उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों में ज्येष्ठ अमावस्या को महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं, जिसे वट सावित्री व्रत (Vat Savitri) के नाम से जाना जाता है. वहीं महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत में ज्येष्ठ पूर्णिमा को महिलाएं यह व्रत करती हैं, जिसे वट पूर्णिमा (Vat Purnima) के नाम से जाना जाता है. आज (24 जून 2021) अखंड सौभाग्य का यह त्योहार मनाया जा रहा है.
वट पूर्णिमा के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छी सेहत की कामना से व्रत रखती हैं. इस दिन सोलह श्रृंगार करके महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं. इसके साथ ही अपनी सखी-सहेलियों को शुभकामनाएं देती हैं. इस खास अवसर पर आप भी इन प्यार भरे हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टेटस, फेसबुक मैसेजेस और जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर अपनी सखी-सहेलियों से हैप्पी वट पूर्णिमा कह सकती हैं.
1- रखा है व्रत मैंने,
बस एक ख्वाहिश के साथ,
लंबी हो उम्र आपकी,
और हर जन्म में मिले,
हमें एक-दूजे का साथ.
हैप्पी वट पूर्णिमा
2- सुख-दुख में हम-तुम,
हर पल साथ निभाएंगे,
एक जन्म नहीं सातों जन्म,
पति-पत्नी बन कर आएंगे.
हैप्पी वट पूर्णिमा
3- आए तो संग लाए खुशियां हजार,
हर साल मनाएं हम यह त्योहार,
भर दे हमारा दामन खुशियों के साथ,
दे जाए उम्र तुम्हें हजार-हजार साल.
हैप्पी वट पूर्णिमा
4- वट पूर्णिमा का पावन व्रत,
आपके लिए मैंने किया है,
क्योंकि आप ही के प्रेम और,
सम्मान ने जीवन को नया रंग दिया है.
हैप्पी वट पूर्णिमा
5- आपकी मांग का सिंदूर सदा अमर रहे,
आपकी तपस्या का आपको फल मिले,
आपके गले में सदा सजता ये मंगलसूत्र रहे,
आपके साजन को लंबी उम्र का वरदान मिले.
वट पूर्णिमा की शुभकामनाएं.
वट पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में महिलाएं वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं. वट वृक्ष के नीचे सत्यवान और सावित्री की प्रतिमा रखी जाती है, फिर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. पूजन के दौरान महिलाएं कच्चे सूत को वट वृक्ष में लपेटते हुए सात बार परिक्रमा करती हैं. इस दिन महिलाएं सत्यवान और सावित्री की कथा पढ़ती या सुनती हैं. कहा जाता है कि सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण बचाए थे, इसलिए इस दिन सुहागन महिलाएं व्रत रखकर अपने पति की अच्छी सेहत और लंबी उम्र की कामना करती हैं.