Happy Ugadi Messages 2021 in Hindi: हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदू नव वर्ष का पर्व मनाया जाता है, जिसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है. बात करें दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक (Karnataka) और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) की तो यहां तेलुगु नव वर्ष (Telugu New Year) को उगादी (Ugadi) के नाम से जाना जाता है. इस साल उगादी का पर्व 13 अप्रैल 2021 को मनाया जा रहा है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी और इसी दिन सतयुग का आरंभ हुआ था. इसके अलावा इसी तिथि से मां दुर्गा की उपासना के पर्व चैत्र नवरात्रि की भी शुरुआत होती है. उगादी के पर्व को तेलुगु भाषी बहुत धूमधाम से सेलिब्रेट करते हैं.
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में उगादी यानी तेलुगु नव वर्ष की अनोखी छठा देखने को मिलती है. लोग इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं और एक-दूसरे के साथ शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. आप भी तेलुगु नव वर्ष के इस खास अवसर पर इन शानदार हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस को भेजकर हैप्पी उगादी कह सकते हैं.
1- पेड़ों पर सजती है नए पत्तों की बहार,
हरियाली से महकता प्रकृति का व्यवहार,
ऐसा सजता है उगादी का त्योहार,
मौसम भी करता नव वर्ष का सत्कार.
उगादी की शुभकामनाएं
2- शुभ हो नया साल आपका,
ऊंची उड़ान भरे हर पल आपका,
जैसे आसमान में उड़ती पतंग,
वैसे ही उगादी पर्व की सजे हर एक तरंग.
उगादी की शुभकामनाएं
3- छोटों को करो प्यार,
बड़ों को दो सम्मान,
यह संकल्प लेकर,
मनाओ उगादी का त्योहार.
उगादी की शुभकामनाएं
4- पेड़ों पर सजता रहे पत्तियों का श्रृंगार,
स्वादिष्ट व्यंजनों की बनी रहे बहार,
मीठे वचनों से करें एक-दूसरे का दीदार,
चलो मनाएं उगादी का ये त्योहार.
उगादी की शुभकामनाएं
5- खुशियां आएं, सुख-समृद्धि लाए,
घर आपके भगवान आएं,
करके कृपा आप पर अपनी,
हसरतें सारी आपकी करें पूरी.
उगादी की शुभकामनाएं
उगादि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर नित्यकर्मों से निवृत्त होकर उबटन और सुगंधित पदार्थों से स्नान करना चाहिए, फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करके सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की विधिवत पूजा-अर्चना करनी चाहिए. पूजन के दौरान ब्रह्माजी को रोली, चंदन, अक्षत, हल्दी, मेहंदी, अबीर, गुलाल, फूल, वस्त्र, मिष्ठान्न, पंचमेवा और पंचामृत अर्पित करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन घरों के मुख्य द्वार पर अशोक या आम के पत्तों का तोरण लगाने और रंगोली बनाने की भी परंपरा है.