Happy Tulsi Vivah 2021 Wishes in Hindi: हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व बताया जाता है. इस महीने भगवान विष्णु (Lord Vishnu), माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) के साथ-साथ तुलसी पूजन (Tulsi Pujan) करना शुभ फलदायी माना जाता है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देव उठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) मनाई जाती है, जिसे हरिप्रबोधिनी एकादशी (Hari Prabodhini Ekadashi) और देवोत्थान एकादशी (Devutthana Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं, जिसके साथ चातुर्मास की समाप्ति हो जाती है और मांगलिक कार्य फिर से शुरु हो जाते हैं. इस एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह का भव्य आयोजन किया जाता है. इस दिन तुलसी और शालिग्राम का विवाह संपन्न कराया जाता है. आज यानी 15 नवंबर 2021 को तुलसी विवाह का पावन पर्व मनाया जा रहा है.
शालिग्राम को भगवान विष्णु और तुलसी को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, इसलिए तुलसी विवाह के दिन शालिग्राम-तुलसी विवाह संपन्न कराया जाता है. इस अवसर पर आप अपने सगे-संबंधियों के साथ इन प्यारे हिंदी विशेज, वॉट्सऐप ग्रीटिंग्स, फेसबुक मैसेजेस, फोटो एसएमएस और कोट्स को शेयर करके उन्हें शुभ तुलसी विवाह कह सकते हैं.
1- तुलसी का है बड़ा स्थान,
करते सब इसका सम्मान,
नहीं डाले है मैला पानी,
गुण बनाते इसे औषधि महान.
शुभ तुलसी विवाह
2- जिस घर में होता है तुलसी का पौधा,
उस घर में खुशियां रहती हैं छाई,
हमारी तरफ से आपको तुलसी विवाह की बधाई.
शुभ तुलसी विवाह
3- आमंत्रित हैं आप सभी तुलसी विवाह में,
आना है आपको, न रहना किसी अन्य चाह में.
शुभ तुलसी विवाह
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4- आ जाओ भरते हैं खुशियों की झोली,
तैयार है तुलसी-शालिग्राम की डोली.
शुभ तुलसी विवाह
5- भेजी है हमने आपको शुभकामनाएं,
आओ सब मिलकर तुलसी विवाह कराएं.
शुभ तुलसी विवाह
तुलसी विवाह से जुड़ी प्रचलित मान्यता के अनुसार, श्रीहरि ने जालंधर का रूप धारण कर वृंदा को स्पर्श करके उनके पतिव्रत धर्म को भंग किया था, जिसके कारण वृंदा के पति का युद्ध में संहार संभव हो सका. श्रीहरि द्वारा छले जाने और पति के वियोग से दुखी होकर वृंदा ने सती होने से पहले भगवान विष्णु को पत्थर बन जाने का श्राप दिया. कहा जाता है कि जिस स्थान पर वृंदा सती हुई थीं, उसी स्थान पर तुलसी का पौधा उग गया. कहा जाता है कि वृंदा के श्राप से मुक्त होने के लिए भगवान विष्णु शालिग्राम बन गए और उन्होंने तुलसी से विवाह किया, तब से तुलसी विवाह की यह परंपरा चली आ रही है.