Parsi New Year/Nowruz 2020 Messages: पारसी समुदाय (Persian New Year) के लोगों के लिए आज बेहद खास दिन है, क्योंकि आज पारसी समुदाय नववर्ष का जश्न यानी नवरोज मना रहा है. पारसी कैलेंडर (Parsi Calendar) के पहले महीने की पहली तारीख यानी नवरोज (Nowruz) का जश्न मनाने के लिए इस समुदाय के लोग काफी पहले से ही तैयारियों में जुट जाते हैं. नवरोज यानी नया दिन, जिसे जमशेदी नवरोज (Jamhesdi Nowruz), पतेती (Pateti) और नौरोज (Navroze) जैसे कई नामों से जाना जाता है. पारसी समुदाय की प्रचलित मान्यता के अनुसार, करीब तीन हजार साल पहले पारसी समुदाय के एक योद्धा जमशेद ने पहली बार पारसी कैलेंडर की स्थापना की थी और उन्हीं की याद में यह पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है. पारसी मंदिर अगियारी में विशेष प्रार्थनाएं आयोजित की जाती हैं. लोग अपने घरों की साफ-सफाई कर दरवाजे पर रंगोली बनाते हैं और खास पकवान बनाए जाते हैं.
इस खास अवसर पर लोग एक-दूसरे के प्रति सहयोग और प्रेम व्यक्त करने के लिए आपस में उपहार भी बांटते हैं. इसके साथ ही पारसी नववर्ष की शुभकामनाएं भी देते हैं. आप भी इस खास अवसर पर इन प्यारे वॉट्सऐप स्टेटस, फेसबुक मैसेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस, वॉलपेपर्स को सोशल मीडिया के जरिए भेजकर अपने प्रियजनों को पारसी नववर्ष की शुभकामनाएं (Parsi New Year Wishes) दे सकते हैं.
1- शाखों पर सजता नए पत्तो का श्रृंगार,
मीठे पकवानों की होती चारो तरफ बहार,
मीठी बोली से करते, सब एक-दूजे का दीदार,
चलो साथ मिलकर मनाएं नवरोज का त्योहार.
नवरोज की शुभकामनाएं
2- नए पत्ते आते हैं वृक्ष खुशी से झूम जाते हैं,
ऐसे मौसम में ही तो नया आगाज होता है,
हम यूं ही नवरोज नहीं मनाते,
यह त्योहार प्रकृति में बदलाव से आता है.
नवरोज की शुभकामनाएं
3- नया साल आए बनकर उजाला,
खुल जाए आप की किस्मत का ताला,
हमेशा आप पर रहे मेहरबान ऊपर वाला,
यही दुआ करता है आपका ये चाहने वाला.
नवरोज की शुभकामनाएं
4- पिछली यादें गठरी में बांधकर,
करें नव वर्ष का इंतजार,
लाए खुशियों की बारात,
ऐसी हो नवरोज की शुरुआत.
नवरोज की शुभकामनाएं
5- दोस्तों नवरोज आया है,
अपने साथ नया साल लाया है,
इस नए साल में आओ मिल लें गले,
और साथ मनाएं नवरोज दिल से...
नवरोज की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि पारसी समुदाय के लोग देश के सबसे कम आबादी वाले अल्पसंख्यक समुदायों में से एक हैं, बावजूद इसके उन्होंने अपनी सालों पुरानी परंपरा और सभ्यता को बरकरार रखा है. नवरोज जैसे त्योहार के जरिए उन्होंने अपनी परंपरा को जीवित रखा है. हालांकि नवरोज से जुड़ी एक मान्यता के अनुसार, नए साल के पहले दिन पारसी समुदाय के लोग चंदन की लकड़ियों के टुकड़े को अपने घर में रखते हैं. कहा जाता है कि ऐसा करने से चंदन की लकड़ियों की सुगंध हर ओर फैलती है और वातावरण शुद्ध होता है.