Happy Dussehra 2022 Messages in Hindi: आज यानी 05 अक्टूबर 2022 को देशभर में दशहरा (Dussehra) यानी विजयादशमी (Vijayadashami) का त्योहार मनाया जा रहा है. दशहरे का यह त्योहार हमेशा हमें यह याद दिलाता है कि चाहे बुराई कितनी ही ताकतवर क्यों न हो, लेकिन जीत हमेशा अच्छाई की ही होती है. यह अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक भी है. दशहरे के त्योहार का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है और इसे देशभर में लोग अपने-अपने रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार मनाते हैं. इस दिन कई जगहों पर लंकापति रावण (Ravan) के पुतले का दहन किया जाता है तो कई जगहों पर महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की विजय के तौर पर इस पर्व को मनाया जाता है. दशहरे के दिन देवी दुर्गा (Maa Durga) की प्रतिमाओं का विसर्जन करे उन्हें विदाई भी दी जाती है.
इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर 2022 से हुई है, जिसका समापन आज यानी दशहरे के साथ हो रहा है. इस दिन लोग एक-दूसरे के साथ शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान कर बधाई भी देते हैं. आप भी इस खास अवसर पर इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- ज्योत से ज्योत जगाते चलो,
प्रेम की गंगा बहाते चलो,
राह में आए जो दीन दु:खी,
सबको गले से लगाते चलो,
दिन आएगा सबका सुनहरा,
इसलिए हमारी ओर हैप्पी दशहरा.
दशहरा की शुभकामनाएं
2- राक्षसों पर पुण्य की जीत,
राम की सीता से असीमित प्रीत,
ये तो एक कारण भर ही था...
हो विजय सत्य की सदैव, यही है रीत.
दशहरा की शुभकामनाएं
3- आज दशहरे की घड़ी है आई,
झूठ पर सच की जीत है भाई,
रामचंद्र ने रावण को मारा,
तोड़ दिया अभिमान भी सारा,
एक बुराई रोज हटाओ,
और दशहरा रोज मनाओ.
दशहरा की हार्दिक बधाई
4- दशहरा का ये प्यारा त्योहार,
जीवन में लाए खुशियां अपार,
श्रीराम जी करे आपके घर सुख की बरसात,
शुभकामना हमारी करें स्वीकार.
दशहरा की हार्दिक बधाई
5- बुराई का होता है विनाश,
दशहरा लाता है उम्मीद की आस,
रावण की तरह आपके दुखों का भी हो नाश.
विजयादशमी का पर्व आपके लिए हो खास.
दशहरा की हार्दिक बधाई
आपको बता दें कि दशहरा यानी विजयादशमी का त्योहार हर साल शारदीय नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की उपासना करने के बाद दसवें दिन मनाया जाता है. उत्तर भारतीय और पश्चिमी राज्यों में दशहरे के त्योहार को भगवान राम के लंकापति रावण पर विजय के तौर पर मनाया जाता है, जबकि इससे जुड़ी एक अन्य कथा के अनुसार, अश्विन शुक्ल दशमी के दिन ही माता दुर्गा ने दुष्ट असुर महिषासुर का अंत कर इस संसार को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी.