Guru Purnima 2024 Messages: शुभ गुरु पूर्णिमा! इन हिंदी Quotes, WhatsApp Wishes, GIF Greetings को भेजकर अपने गुरुजनों का जताएं आभार
ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही आदि गुरु वेदव्यास जी का जन्म हुआ था, इसलिए उनके जन्मोत्सव को गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है. उन्होंने महाभारत, वेद और पुराणों सहित कई धार्मिक ग्रंथों की रचना की थी. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर अपने गुरुजनों को शुभ गुरु पूर्णिमा कहकर उनका आभार जता सकते हैं.
Guru Purnima 2024 Messages in Hindi: गुरु, ज्ञान, प्रेरणा और मार्गदर्शन का ऐसा प्रतिबिंब है, जो अपने शिष्यों को अज्ञानता के अंधकार को दूर कर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं. इसके साथ ही गुरु अपने शिष्यों को हमेशा जीवन का सही मार्ग दिखाते हैं, इसलिए उनके सम्मान में हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा (Ashadh Purnima) के दिन गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का त्योहार मनाया जाता है. गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा (Vyas Purnima) और वेद पूर्णिमा (Ved Purnima) के नाम से जाना जाता है और इसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. इस साल 21 जुलाई 2024 को गुरु पूर्णिमा मनाई जा रही है, जो गुरु और शिष्य के पवित्र बंधन को समर्पित है. इस दिन लोग अपने आध्यात्मिक गुरुओं के साथ-साथ अकादमिक गुरुओं के प्रति सम्मान जाहिर करते हैं और मार्गदर्शन करने के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं.
ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही आदि गुरु वेदव्यास जी का जन्म हुआ था, इसलिए उनके जन्मोत्सव को गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है. उन्होंने महाभारत, वेद और पुराणों सहित कई धार्मिक ग्रंथों की रचना की थी. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर अपने गुरुजनों को शुभ गुरु पूर्णिमा कहकर उनका आभार जता सकते हैं.
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने अपने गुरु ऋषि शांडिल्य को ज्ञान प्रदान करने के लिए चुना था. इसके अलावा इसी दिन भगवान गौतम बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को उपदेश दिया था. गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए उनके चरण स्पर्श करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं. इस दिन कई जगहों पर गुरु-शिष्य परंपरा को दर्शाने वाले नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही दान-पुण्य जैसे शुभ कार्य भी इस दिन किए जाते हैं.