Gujarat Day 2023 Wishes in Hindi: एक तरफ जहां 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Labour Day), मई दिवस (May Day) और महाराष्ट्र दिवस (Maharashtra Day) मनाया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ गुजरात (Gujarat) राज्य भी अपना स्थापना दिवस मना रहा है. जी हां, महाराष्ट्र की तरह ही गुजरात के लिए भी 1 मई का दिन बेहद खास माना जाता है, क्योंकि इस दिन राज्य में गुजरात दिवस (Gujarat Day) मनाया जाता है. 1 मई 1960 को गुजरात और महाराष्ट्र नाम के दो राज्यों की स्थापना हुई, जिसके बाद से हर साल 1 मई को गुजरात और महाराष्ट्र दोनों ही राज्य अपने-अपने राज्य स्थापना दिवस का जश्न बहुत धूमधाम से मनाते हैं. दरअसल, देश की आजादी से पहले महाराष्ट्र और गुजरात दोनों ही बंबई प्रेसिडेंसी का हिस्सा हुआ करते थे, लेकिन भाषा के आधार पर अलग राज्य की मांग को लेकर जब आंदोलन किए गए तब जाकर बंबई प्रेसिडेंसी को विभाजित कर महाराष्ट्र और गुजरात राज्य की स्थापना की गई.
हर साल 1 मई को गुजरात स्थापना दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, इसके लिए भव्य परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. गुजरात के लोग एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भेजकर बधाई देते हैं. ऐसे में इस बेहद खास अवसर पर आप भी इन हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर दोस्तों-रिश्तेदारों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- गुजरात दिवस पर,
मैं आशा करता हूं,
और प्रार्थना करता हूं,
कि राज्य को अधिक से अधिक सफलता मिले.
गुजरात दिवस की बधाई
2- आइए गुजरात दिवस के,
इस बेहद खास अवसर पर,
गुजरात की महिमा, महानता,
और अनुग्रह का जश्न मनाएं.
गुजरात दिवस की बधाई
3- गुजरात दिवस के अवसर पर,
गुजरात की मिट्टी को सलाम!
गुजरात दिवस की बधाई
4- आइए गुजरात दिवस पर,
गुजरात की महान संस्कृति,
परंपराओं, रीति-रिवाजों,
और विरासत को आगे बढ़ाएं.
गुजरात दिवस की बधाई
5- गुजरात दिवस के खास मौके पर,
गुजरात के लोगों को हार्दिक बधाई,
आने वाले सालों में यह राज्य,
विकास के नए आयाम को छू सकता है.
गुजरात दिवस की बधाई
गुजरात भारत का एक ऐसा महत्वपूर्ण राज्य है जिसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से लगी हुई है. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नजरिए से भी यह राज्य महत्वपूर्ण स्थान रखता है. ऐसा माना जाता है कि इस राज्य में 5 हजार साल पहले ही मानव सभ्यता का विकास हो चुका था. ई.पू. 2500 साल पहले पंजाब से हड़प्पा वासियों ने कच्छ के रण को पार करके मौजूदा गुजरात की नींव डाली थी. गुजरात स्थापना दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए इसकी संस्कृति, परंपरा और गौरवशाली इतिहास से हर किसी को रूबरूर कराया जाता है.