Govardhan Puja 2021 Messages In Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) का पर्व मनाया जाता है, जिसे अन्नकूट (Annakut) भी कहा जाता है. दीपावली (Deepavali) यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Puja) के अगले दिन इस पर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन गोवर्धन पर्वत, पशु धन और कान्हा (Bhagwan Krishna) के गोवर्धन स्वरूप की पूजा की जाती है. इस खास अवसर पर घरों और मंदिरों में भगवान के लिए अन्नकूट किया जाता है और 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग अर्पित किया जाता है. खासकर ब्रज में इस पूजा का विशेष महत्व बताया जाता है, जिसे द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों के द्वारा की जाने वाली देवराज इंद्र की पूजा के स्थान पर प्रारंभ की थी. कहा जाता है कि इस पूजा की शुरुआत से क्रोधित होकर इंद्रदेव ने लगातार सात दिन तक भयंकर वर्षा की थी. इंद्रदेव के प्रकोप से ब्रजवासियों की रक्षा करने के लिए कान्हा ने अपनी कनिष्का उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था. उन्होंने ऐसा करके सबकी न सिर्फ रक्षा की, बल्कि इंद्रदेव का घमंड भी चूर किया था.
दीपावली के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह प्रकृति की उपासना का खास पर्व है, जिसके मूल में गौ, पृथ्वी और वन संपदा निहित है. इस खास मौके पर आप अपनों को बधाई न दें ऐसा कैसे हो सकता है. आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स, वॉलपेपर्स को सोशल मीडिया के जरिए भेजकर गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- हर खुशी आपके द्वार आए,
जो आप मांगे उससे अधिक पाएं,
गोवर्धन पूजा में कृष्ण गुण गाएं
और ये त्योहार, खुशी से मनाएं.
गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं
2- बंसी की धुन पर,
सबके दुख वो हरता है,
आज भी अपना कन्हैया,
कई चमत्कार करता है.
गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं
3- जनहित में एक ऊंगली पर,
कन्हैया ने पर्वत को उठाया,
उसी दिन की याद दिलाने,
गोवर्धन पूजा का दिन आया.
गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं
4- प्रेम से कृष्ण का नाम जपो,
दिल की हर इच्छा पूरी होगी,
कृष्णा आराधना में तल्लीन हो जाओ,
उनकी महिमा जीवन खुशहाल कर देगी.
गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं
5- चंदन की खुशबू, रेशम का हार,
धूप की सुगंध, दीयों की फुहार,
दिल की उम्मीदें और अपनों का प्यार,
मंगलमय हो आपके लिए ये त्योहार.
गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को कनिष्का उंगली पर उठाने की इस अलौकिक लीला को देखकर देवराज इंद्र ने नतमस्तक होते हुए कान्हा से क्षमा याचना की थी. प्रकृति और पशु धन की उपासना के इस पर्व पर श्रीकृष्ण के गोवर्धन स्वरूप की पूजा करके उन्हें अन्नकूट और 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. इस दिन ब्रजवासी अपने-अपने घरों में गिरिराज गोवर्धन का मनमोहक श्रृंगार करते हैं, फिर उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं.